आज मोहब्बत का दिन है ,,वोह मोहब्बत का दिन जिसने साल की शुरुआत में पैतालीस दिन के चेलेंज के साथ ,,मोहब्बत जीतेगी ,,नफरत हारेगी ,,दावा किया था ,,,इसी दिन ,,पैतालीस दिन बाद ,,यानी एक जनवरी से नए साल की शुरुआत से पुरे पैतालीस दिन बाद ,,नफरत की आंधी ,,मोहब्बत की चाशनी में बदल गयी थी ,,,आज मोहब्बत का दिन फिर याद आता है ,,दोस्तों पुरे साल ,,लोगो में एक दूसरे में ,पास पड़ोस में ,,प्यार बांटो ,,मोहब्बत बांटो ,,इसमें कंजूसी क्यों ,,,आप क़ुरआन पढ़ते है ,,क्या उसमे मोहब्बत का पैगाम नहीं है ,,आप भगवत गीता का पाठ पढ़ते है ,क्या उसमे मोहब्बत नहीं है ,आप बाइबिल पढ़ते है ,,क्या उसमे मोहब्बत नहीं है ,आप गुरुवाणी का पाठ करते है ,,क्या उसमे मोहब्बत नहीं है ,,आप तोरेत ,,ऐंजिल पढ़ते है ,,क्या उसमे मोहब्बत नहीं है ,,अगर धर्म ,,मज़हब ,,मोहब्बत सिखाता है ,,तो फिर मोहब्बत से इतनी नफरत क्यों ,,आओ हम मिले जुले ,,एक दूसरे से मोहब्बत करे ,,अपने मुल्क से मोहब्बत करे ,,अपने तिरंगे से प्यार करे ,,अपने देश के उन शहीदों की मातृभूमि के प्रति मोहब्बत को याद करे जिन्होंने अपने इस मुल्क की आज़ादी के लिए सब कुछ क़ुर्बान कर दिया ,,आओ मोहब्बत सीखे ,,अपने इरादों से ,,देश की खुशहाली से ,देश के अमन सुकून से ,,,देश में दलितों ,,शोषितो ,, के इंसाफ से ,,,देश में हिन्दू मुस्लिम सद्भाव से ,,साम्प्रदायिक सद्भाव से आओ मिलजुलकर मोहब्बत करे ,,हम हमारे मुल्क से ,,,मोहब्बत करे ,,यह सियासी पार्टियां जो सिर्फ और सिर्र्फ नफरत सिखाती है ,,इनके मुक़ाबिल हम देश की खुशहाली ,,देश का विकास ,,देश का राष्ट्रनिर्माण ,,देश की सुरक्षा ,,देश की तरक़्क़ी से मोहब्बत करे ,,,,आओ आज मोहब्बत का दिन है ,,हम हमारे बुज़ुर्गो से ,,हमारे बच्चो से ,,हमारी बहनो से ,,हमारे माता पिता से उनकी खिदमत के साथ मोहब्बत करे ,,,आओ नफरत के इस माहौल में हम मोहब्बत करे ,,प्यार ,,इश्क़ ,,यह तो उम्र की एक बिमारी है ,,लेकिन सिर्र्फ दुनिया यहां खत्म नहीं होती ,,दुनिया में जमने के लिए ,,अपना सीना चोढा कर के अपने सर को गर्व से ऊंचा करे ,,देश में नफरत ,,अराजकता ,,कुर्सी दौड़ की हिंसा ,,,चालबाजियां ,,झूँठ ,,फरेब ,,सियासी लोगो की बेवफाई से मुक़ाबला कर ,मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत करे ,,अपने मुल्क से ,,अपने मज़हब से ,,अपने देश ,,अपने देश के संविधान ,,अपने देश के तिरंगे से मोहब्बत करे ,,मुझ से मोहब्बत करोगे ,,,,आओ मुझ से मोहब्बत कर लो ,,मुझे तुम्हारी इसी मोहब्बत का इन्तिज़ार है ,हम मिले जुले ,,मोहब्बत करे ,,इस हिंदुस्तान को फिर से एक बागबान बनाये ,,एक खूबसूरत जहां बनाये ,,सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,,मेरे इस भारत को महान बनाये ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)