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26 फ़रवरी 2023

संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रोजेक्ट अमृत के अंतर्गत (स्वस्थ जल स्वस्थ मन) परियोजना का शुभारम्भ

 

संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रोजेक्ट अमृत के अंतर्गत (स्वस्थ जल स्वस्थ मन) परियोजना का शुभारम्भ
कोटा 26 फरवरी। संत निरंकारी मिशन द्वारा आजादी के 75वें अमृत महोत्सव अवसर पर सतगुरु माता सुदीशा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सानिध्य में रविवार को अमृत परियोजना के अंतर्गत स्वच्छ जल स्वच्छ मन का शुभारम्भ किया गया।
परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण तथा इसके स्थान हेतु अपनायी जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाना एवं उन्हें कान्ति रूप देना है। इस परियोजना का मुख्य बिन्दु जल निकायों की स्वच्छता एवं स्थानीय जनता बीच जागरूकता अभियान के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करना है।
कोटा जोन के जोनल इंचार्ज संत बृजराज सिंह जी यादव ने बताया कि आज 26 फरवरी को प्रातः 7ः00 बजे से एक रैली के रूप में गुमानपुरा के संत निरंकारी भवन से सेकड़ो की संख्या में मोटरसाइकिलो से बालाजी मंदिर रंगबाडी पहुंचें
संत निरंकारी सेवादल के श्रद्धालु भक्तजन द्वारा 8ः00 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक रंगवाडी बालाजी मंदिर परिसर व 7 कुडों की सफाई कर आसपास के स्थानों को चकाचक किया जिसमें लगभग 7-8 ट्रॉली कचरा निकला, संत बृजराज सिंह जी यादव जी ने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा समाज कल्याण हेतु जीवनपर्यन्त अनेक कार्य किये गये जिसमें स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान का आरम्भ प्रमुख है और उन्हीं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष संत निरंकारी मिशन द्वारा निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के निर्देशन में अमृत परियोजना का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने व आर्मी कर्नल सतीश भोसले सफाई अभियान का शुभारंभ किया विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि हम सफाई से हमारे पर्यावरण को और कैसे अच्छा बना सके इसके प्रयास करे। सतगुरु माता जी के आदेश से आज हमने रैली निकाल कर जल बचने का संदेश दिया।
संत निरंकारी मिशन के सचिव आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा जी ने इस परियोजना संबंधित विस्तृत जानकारी दी कि यह परियोजना संपूर्ण भारतवर्ष के लगभग 1100 स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में विशाल रूप से आयोजित की जायेगी जिनमें मुख्यतः आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह असम, बिहार, चंडीगढ, छत्तीसगढ, दमन और दीव, दिल्ली, गुजरात, गोवा हरियाणा हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब राजस्थान, तमिलनाडु तेलंगाना त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल इत्यादि सम्मिलित है।
इस परियोजना में निरंकारी मिशन के करीब 3.5 लाख स्वयंसेवक अपने सहयोग द्वारा जल संरक्षण और जल निकायों जैसे समुद्र तट नदियां, झीले तालाब, कुए पोखर, जोहर, विभिन्न झरनों पानी की टंकियों नालियों और जल पाराओं इत्यादि को स्वच्छ एवं निर्मल बनाया,मिशन की लगभग सभी शाखाएँ भारत देश ही नही विदेशों में भी इस अभियान में सम्मिलित हुई
और आवश्यकता पड़ने पर अलग-अलग शाखाएँ भी निर्दिष्ट क्षेत्रों में सामूहिक रूप से इन सभी गतिविधियों में अपना योगदान दिया।
अमृत परियोजना के अंतर्गत भारत के दक्षिणी क्षेत्रों के मुख्य तटबंधों की स्वच्छता जिनमें सूरत, मुम्बई से लेकर गोवा तक का कोकम बेल्ट, मालाबार तट के कर्नाटक, केरल को तटीय रेखाओं और अरब सागर के पश्चिमी घाट की सीमा को तथा कोरोमंडल तट के दक्षिण पूर्वी तटीय क्षेत्रों को स्वयंसेवकों की टीमों द्वारा कवर किया जायेगा। इसके अतिरिक्त पूर्व में बंगाल की खाडी, और दक्षिण में कावेरी डेल्टा को भी कवर किया गया।
इस अभियान में प्रमुख नदियों को भी सम्मिलित किया गया है जिसमें मुख्यतः उत्तरी क्षेत्र से व्यास, गंगा, यमुना और घाघरा, केंद्रीय क्षेत्र से चबल बेतवा, नर्मदा, कृष्णा, ताप्ती सोन नदीरू पश्चिमी क्षेत्र से साबरमती माही तथा पूर्वी क्षेत्र से महानदी, गोदावरी और दक्षिणी क्षेत्र से कृष्णा, कावेरी, कोल्लिडम इत्यादि प्रमुख है।
समुद्र तटों एवं नदियों की स्वच्छता हेतु प्रयोग की जाने वाली प्रणालियां प्राय प्राकृतिक जल निकायों वाले क्षेत्रों में पाया जाने वाला प्लास्टिक कचरा अपशिष्ट पदार्थ झाडियाँ, अपशिष्ट खाद्य पदार्थों को हटाकर समुद्र तटो घाटों एवं नदियों के किनारों की सफाई मिशन के स्वयंसेवकों द्वारा की गई।
संत निरंकारी मिशन बहुत प्यारा मिशन है जहां सभी समाज सभी धर्मों को आदर सत्कार किया जाता है ऊंची नीच जाति पार्टी छोटे बडे गरीब अमीर का भेदभाव नहीं है मानवता की सेवा के लिए तत्पर रहता है संत निरंकारी मिशन इसके अतिरिक्त प्राकृतिक एवं कृत्रिम जल स्त्रोतों में पायी जाने वाली काई को जाली की छडियों और अन्य उपकरणों की सहायता से हटाया जायेगा। इसके अतिरिक्त रास्तों की सफाई और आसपास के क्षेत्रों में घूमने एवं चलने वाले स्थानों को सुशोभित करने हेतु वृक्ष एवं अन्य झाड़ियों को स्वयंसेवकों के समूह द्वारा लगाया जायेगा ताकि पर्यावरण हरित एवं सुंदर रहे। जागरूकता अभियान- यह गतिविधि सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है फिर चाहे वह प्राकृ तिक जल निकाय हो अथवा मानव निर्मित इस अभियान में लोगों को जागरूक करने हेतु मुख्यतः जल संरक्षण और अच्छी जल प्रथाओं के बारे में संदेश प्रदर्शित करने वाले नारों, बैनरों, होर्डिंग्स का प्रदर्शन सफाई गतिविधियों के दौरान नुक्कड़ नाटिकाओं के माध्यम से जल के महत्व और इसके संपर जागरूकता उत्पन्न कराना, ऐलिया ध्मार्चध् स्थानीय क्षेत्रों में जल के लिए पदयात्रा करना जल संरक्षण पर गीतों की प्रस्तुति जल जनित रोगों के प्रति जागरूकता, लोक नृत्य, गीत और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जल संरक्षण पर जागरूकता इत्यादि प्रमुख है।
निसंदेह यह परियोजना पर्यावरण संतुलन, प्राकृतिक की सुंदरता और स्वच्छता हेतु किया जाने याला एक प्रशंसनीय एवं सराहनीय प्रयास है। वर्तमान में हम ऐसी ही लोक कल्याणकारी परियोजनाओ को क्रियान्ति रूप देकर अपनी इस सुंदर धरा को हानि से बचा सकते है। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर भी रोक लगाई जा सकती है।
सफाई अभियान प्रातः 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलाया गया जिसमें मंदिर परिसर सहित आस पास का एरिया साफ हुआ।
उसके बाद सतगुरु माता जी के प्रवचन सुनाए गए
सफाई अभियान में निरंकारी मिशन के भक्तजनो में महिलाओं,बच्चो,बुजुर्गों ने बढ़चढ़ के भाग लिया ।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष बीजेपी अजय चौधरी डॉ सहेली जांबे पशुधन विभाग के रिटायर्ड ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ यशपाल सिंह जी सेवादल के शिक्षक संत हरीश जी संत कल्याण जी संत ओमप्रकाश का भी पावन सानिध्य मिला।
रंगवाडी बालाजी मंदिर प्रबंधक ने भी मिशन की तारीफ की।

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