आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

05 फ़रवरी 2023

भोले भाले मुसलमानों ,, आँखें खोलो , सावधान हो जाओ

 भोले भाले मुसलमानों ,, आँखें खोलो , सावधान हो जाओ ,, इस्लाम को मटियामेट करने की ताक़तों से , आर्थिक सहायता , पैकेज लेकर , कुछ तुम्हारे अपने मौलवी मौलाना , तुम्हारे अक़ीदे , तुम्हारे भोलेपन को टारगेट कर , तुम्हे , तुम्हारी क़ौम को तोड़ने , बिखेरने की साज़िशों की कोशिशों में फिर से जुट गए , हैं , जिन लोगों ने क़ुरआन शरीफ तर्जुमे से सही ढंग से पढ़ा भी नहीं , समझा भी नहीं , वोह लोग भी अब फ़तवेबाज़ी की आड़ में फ़ितने फैलाकर क़ौम की एकता एक दूसरे के लिए हमदर्दी के जज़्बे को तोड़ने की कोशिशों में तेज़ी से आगे आने लगे है , गुप्त बैठके , वेतन लेकर नमाज़ पढ़ाने वालों के साथ , हुलिए से मौलाना दिखने वाले लोगों ने शुरू कर दी हैं , इससे नहीं मिलोगे , इसके जनाज़े में क्यों गए , इसके जनाज़े में नहीं जाना चाहिए , इससे चंदा लेने मत जाना , इसके घर पर दावत में , और इस्तक़बाल कार्य्रकम में मत जाना , यह वहाबी , यह जमाती , यह तब्लीगी , यह अहले हदीस ,वगेरा वगेरा की हरकतें फितना अंगेज़ तरीके से फैलाकर , मीटिंगों में एक दूसरे से तोबा करवाने , अहद लेने , फ़र्ज़ी इल्ज़ामात , एक दूसरे का अपमान करने की सियासतें तेज़ हो गई है , यह वेतनभोगी लोग है , इल्म को पेट पालने का ज़रिया बनाने वाले , या फिर इल्म को गलत तरीके से पेश करने वाले लोग हो सकते है , लेकिन ,, अब ऐसे माहौल में आम मुसलमान को ज़िम्मेदार बनने की ज़रूरत है , जो लोग ,तुम्हे भड़काने , बहकाने , आएं , जो लोग तुम्हे फ़िरक़ों के नाम पर आपस में लढाने की बातें करे , पहले उनके आमाल देखने , वोह क्या खाते है , क्या पहनते है , उनका ज़रियाए मार्श क्या है , उनके खिलाफ कोई मुक़दमेबाज़ी , कोई इल्ज़ामात तो नहीं , वोह समाज में कहाँ , किन किन के पास आते जाते है , दूसरे समाज के दूसरी सियासी पार्टियों से , सियासी नेताओं से उनके आने जाने के ताल्लुक़ात क्या है , वोह घंटो इन्तिज़ार के बाद नेताओं के इर्द गिर्द रहने के लिए , तड़पते है या  नहीं , अज़ान होती है ,तो वोह बा जमात नमाज़ पढ़ने के लिए उठते भी हैं या नहीं , ऐसे लोगों को गेहूं में से घुन की तरह अलग करना होगा, , हमारे आलिमों में , गेहूं भी हैं , जो हमे इस्लाम की तरबियत , शरीयत की ग़िज़ा , अदब , अख़लाक़ , क़ौमी एकता , वतन परस्ती के पैगाम के साथ दे रहे हैं , तो कुछ कॉकरोच , कुछ घुन भी ऐसे हो गए है , जो सियासी लीडरों के इर्द गिर्द मंडराते है , सियासत के ओहदों के लिए मज़हबी रिवायतो से समझौते करते हैं , अपने शहर की इबादतघरों की मरम्मत ,वक़्फ़ सम्पत्तियों के लिए एक जुट होकर कोई आवाज़ नहीं उठाते हैं , सियासी पार्टियों के कार्यर्कता बनकर काम करते है , यहां तक के दंगे फसादात के समर्थक विचारकों के साथ उठते बैठते हैं , ऐसे लोगों के बहकावे में फ़िरक़ापरस्ती बातों में आकर अगर कोई , आपस में मन मुटाव करता है , नफरतों के हालात में रहता है तो वोह गुनाहगार है , क्यंकि यह लोग एक खास पैकेज के लिए काम कर रहे हैं , यह हमे आपस में तोड़ने के लिए , बिखेरने के लिए काम कर रहे हैं , फतवा देने वाला कोन है , फतवा लेने वाले ने , क्या किसी शख्स के नाम से फतवा लिया है , फतवा देने वाले ने , जिसके खिलाफ फतवा दिया है ,क्या उसे सुनवाई का मौक़ा देकर , अपना फतवा सुनाया है , यह भी देखना ज़रूरी है ,ऐसा नहीं , कोई कह रहा था , किसी ने ऐसा क्या है , ऐसे में क्या हुक्म है , यह फतवे के तरीके नहीं , सिर्फ शरारत , करने ,बदनामी करने ,  ब्लेकमेल करने के तरीके है फिर फतवा देने वाले का स्टेटस देखें , क्या वोह , तक़वे से रह रहा है , या नहीं , फतवा देने के लिए तक़वे से रहने की पहली शर्त है , वोह पूरी कर रहा है या नहीं , तो दोस्तों , हमे वतन परस्ती के साथ , इल्म परस्ती के साथ , देश को ,, खुद को तरक़्क़ी के रास्ते पर ले जाने के साथ ,एक दसूरे के मदद के जज़्बे की कोशिशों के साथ , एक दूसरे से गले मिलकर , समझाइश कर , क़ौमी एकता के पैगाम के साथ , मज़हबी रिवायतों , क़ुरआन के हुक्म के साथ , एक दूसरे के साथ प्यार मोहब्बत खुलूस से रहना है , शैतान इब्लीस किसी भी शक्ल में आकर हमे , जन्नत से बाहर निकलवा सकता है , हमारा सुकून खत्म कर सकता है , हमे बहका बरगला सकता है , इसलिए सावधान , ऐसे लोग अगर आएं तो उन्हें समझाये , उनके अंदर की गलतफहमी , या शेतांन गिरी , या शरारत जो भी हो , एक दूसरे से हसद की वजह से अगर वोह एक दूसरे से नाराज़ है , तो उन्हें दूर करने , समझाइश करने , उन्हें इस्लाम की मुख्यधारा  में लेकर आएं उन्हें समझाये यह मुल्क भी हमारा है , यह मुल्क के हिन्दू ,., मुस्लिम , सिक्ख ईसाई , सभी फ़िरक़े के लोग हमारे है ,, हमारे इस्लामिक हक़ों के खिलाफ जो हमलावर नहीं है , जो हमें नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है , वोह हमारा दुश्मन हरगिज़ नहीं , उसका अक़ीदा अलग है , लेकिन वोह अल्लाह की बनाई हुई मख्लूख है , समझाइश करें , प्यार मोहब्बत से रहें , फ़ितने और फितना अंगेज़ों से खुद भी बचें , कॉम और देश , देशवासियों , देश की सभी छत्तीस क़ौमों को भी बचाएं , क़ुरआन के बताये हुए रास्ते के खिलाफ , कोई बहकाये बरगलाये, उकसाये , आपस में लढाये , आधा ज्ञान सिखाये , अपने शरारती मतलब से इस्लाम का अर्थ समझाये तो ऐसे लोग अगर समझने पर भी नहीं समझे  तो फिर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाए , क़ानून के रास्ते पर खड़े होकर , उनके साथ पेश आएं , ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...