औरत हंसकर यदि किसी गैर मर्द से बाते कर ले।
तो भी वह चरित्रहीन होती है।
और यदि घर परिवार से दूर होकर जिन्दगी अपनी मर्जी से जीना चाहे तो गलत होती है।
अपना दुःख दर्द यदि किसी से कहे और बांटे तो मूर्ख और बावली
खुद पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाए तो बेशर्म झगड़ालू।
और यदि अत्याचार को चुपचाप सहे तो डरपोक और सीधी साधी,
लेकिन भूलते है लोग औरत जननी होती है, माँ होती है, बहन होती है, बेटी होती बहु होती है, जन्नत होती है, जन्नत का रास्ता , जन्नत की गारंटी होती है,
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