हाड़ोती : पुस्तक चर्चा............
लेखक से मिलिये” कार्यक्रम की श्रंखला की तृतीय कडी मे डॉ. प्रभात कुमार सिंघल से पाठक हुये रुबरु.............
राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा के “लेखक से मिलिये” कार्यक्रम श्रंखला की तृतीय कडी मे डॉ. प्रभात कुमार सिंघल से उनकी नवीन पुस्तक "भारत दर्शन को सुगम बनाती रेल" पर चर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे पाठक लेखक से रुबरु हुए । इस अवसर पर वरिष्ठ
साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही , बाल सहित्यकार श्यामा शर्मा एवं बिगुल जैन से.नि. उपमुख्य अभियंता थर्मल बतौर अतिथि मौजुद रहे ।
** पाठकों से रुबरु होते हुये डॉ. प्रभात ने कहा कि – रेलवे भारतीयों के लिये सरल, सुगम और मुख्य आवागमन एवं पर्यटन का मुख्य स्रोत है। जिसके जरिये आमजन अपने वांछित गंतव्य एवं भारत दर्शन को देखने की ललक को पूर्ण कर सकता है ।
** डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष ने कहा कि यह पुस्तक रेल्वे पर उपलब्ध पुस्तकों से इतर विशेष महत्व रखती है क्योंकि इसके संयुक्त लेखक अनुज कुमार कुच्छल स्वयं वरिष्ठ अनुभाग अभियंता रेलवे विभाग में कार्यरत है । प्रमाणिक एवं त्रुटिरहित जानकारियों के लिये यह पुस्तक श्रेष्ठ है ।
** इस अवसर पर बिगुल जैन से.नि. उपमुख्य अभियंता थर्मल ने कहा इस पुस्तक में रेल्वे के पर्यटन में रेल, उपनगरीय और मेट्रो सहित रेल विभाग की भूमिका, पर्यटकों को रेलवे की सुविधाएं, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आईआरसीटीसी के नवाचार और भावी परियोजनाएं, पैकेज टूर, रेल तंत्र का विकास, खूबसूरत रेलवे स्टेशन और रेल मार्ग, रेलवे की धरोहर रेल संग्रहालय , पर्यटक स्थलों के नजदीकी रेलवे स्टेशन आदि की जानकारी देने का प्रयास किया गया है।
** वरिष्ठ साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही ने कहा कि – इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ने रेल की भारत दर्शन में भूमिका के साथ - साथ रेलवे के इतिहास, विकास और किए जा रहे प्रयासों को दर्शाने का प्रयास किया गया है। बाल साहित्यकार श्यामा शर्मा ने पुस्तक रेल को पर्यटन में सम्पूर्ण उपयोग करवाने हेतु प्रेरित करती है । नौ अध्याय में रेल से सम्बंधित सभी विषयों के ज्ञान का समावेश किया गया है । साथ ही सभी जानकारी के संकलन के संदर्भ को भी सूची बद्ध किया गया है। पुस्तक का प्राक्कथन श्री ललित गर्ग प्रसिद्ध लेखक, पत्रकार व स्तम्भकार नई दिल्ली द्वारा किया गया है ।
प्रस्तुति - डॉ.दीपक कुमार श्रीवास्तव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)