और हमारे यहाँ तो हर चीज़ के बेषुमार खज़ाने (भरे) पड़े हैं और हम (उसमें से) एक जची तली मिक़दार भेजते रहते है (21)
और हम ही ने वह हवाएँ भेजी जो बादलों को पानी से (भरे हुए) है फिर हम ही
ने आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने तुम लोगों को वह पानी पिलाया और तुम
लोगों ने तो कुछ उसको जमा करके नहीं रखा था (22)
और इसमें शक नहीं कि हम ही (लोगों को) जिलाते और हम ही मार डालते हैं और (फिर) हम ही (सब के) वाली वारिस हैं (23)
और बेषक हम ही ने तुममें से उन लोगों को भी अच्छी तरह समझ लिया जो पहले
हो गुज़रे और हमने उनको भी जान लिया जो बाद को आने वाले हैं (24)
और इसमें शक नहीं कि तेरा परवरदिगार वही है जो उन सब को (क़यामत में कब्रों से) उठाएगा बेशक वह हिक़मत वाला वाकि़फकार है (25)
और बेशक हम ही ने आदमी को ख़मीर (गुंधी) दी हुई सड़ी मिट्टी से जो (सूखकर) खन खन बोलने लगे पैदा किया (26)
और हम ही ने जिन्नात को आदमी से (भी) पहले वे धुएँ की तेज़ आग से पैदा किया (27)
और (ऐ रसूल वह वक़्त याद करो) जब तुम्हारे परवरदिगार ने फरिष्तों से कहा
कि मैं एक आदमी को खमीर दी हुयी मिट्टी से (जो सूखकर) खन खन बोलने लगे पैदा
करने वाला हूँ (28)
तो जिस वक़्त मै उसको हर तरह से दुरुस्त कर चुके और उसमें अपनी (तरफ से)
रुह फूँक दूँ तो सब के सब उसके सामने सजदे में गिर पड़ना (29)
ग़रज़ फरिश्ते तो सब के सब सर ब सजूद हो गए (30)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 फ़रवरी 2022
और हमारे यहाँ तो हर चीज़ के बेषुमार खज़ाने (भरे) पड़े हैं और हम (उसमें से) एक जची तली मिक़दार भेजते रहते है
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