और उनके क़ब्ल अगलों में से बहुतेरे गुमराह हो चुके (71)
उन लोगों के डराने वाले (पैग़म्बरों) को भेजा था (72)
ज़रा देखो तो कि जो लोग डराए जा चुके थे उनका क्या बुरा अन्जाम हुआ (73)
मगर (हाँ) खु़दा के निरे खरे बन्दे (महफूज़ रहे) (74)
और नूह ने (अपनी कौ़म से मायूस होकर) हमें ज़रूर पुकारा था (देखो हम) क्या खू़ब जवाब देने वाले थे (75)
और हमने उनको और उनके लड़के वालों को बड़ी (सख़्त) मुसीबत से नजात दी (76)
और हमने (उनमें वह बरकत दी कि) उनकी औलाद को (दुनिया में) बरक़रार रखा (77)
और बाद को आने वाले लोगों में उनका अच्छा चर्चा बाक़ी रखा (78)
कि सारी खु़दायी में (हर तरफ से) नूह पर सलाम है (79)
हम नेकी करने वालों को यूँ जज़ाए ख़ैर अता फरमाते हैं (80
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 जनवरी 2021
और उनके क़ब्ल अगलों में से बहुतेरे गुमराह हो चुके (71)
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