*शिक्षाविद डॉ कल्याण हिरोनी नहीं रहे*
राजकीय महाविद्यालय कोटा में वर्षों तक अपनी शैक्षणिक सेवाओं के लिए विशिष्ट पहचान बनाने वाले डॉ.कल्याण हीरोनी जी का आज सवेरे निधन हो गया यह दुखद समाचार सुनकर बहुत सदमा हुआ, राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता और विभिन्न मंत्रालयों में मन्त्री भाई शांति धारीवाल जी के निकटतम सहयोगी, सहायक रहे डॉ.हिरोनी
भारत रत्न राजीव गांधी के विचारों से प्रभावित होकर कांग्रेस के शिक्षक संगठन में सक्रिय रहे, राजकीय महाविद्यालय में जब मैं छात्र के रूप में अध्ययनरत था उसी समय अध्ययन के दौरान डॉ हिरोनी जी से पहली बार मुलाकात हुई छात्र, सक्रियता के दौरान निरंतर किसी ना किसी विषय को लेकर उन से चर्चा हो जाया करती थी, पैतृक रूप से राजस्थान की एकमात्र मुस्लिम रियासत रही टोंक के मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे श्री हीरोनी से लगाव का एक कारण यह भी रहा कि मैं भी पुश्तैनी रहने वाला टोंक का ही हूं मेरे रिश्तेदार और डॉ हिरोनी साहब के साथ , अध्ययन रत रहे,पहली मुलाकात के बाद वह गुरु से ज्यादा बड़े भाई महसूस हुए उनका स्नेह और प्रेम ऐसा रहा कि इतने वर्षों में कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि वक्त और हालात ने उनके हौसले को कहीं कम किया हो एक जिंदादिल शख्सियत की तरह उन्होंने अपनी जिंदगी को जिया मुसीबतों और परेशानियों का समय उनकी पत्नी के बीमारी के वक्त उनके साथ रहा लेकिन उन्होंने वक्त और हालात से मुकाबला किया कभी हिम्मत हारने का काम नहीं किया कांग्रेस संगठन में शिक्षकों के इर्द-गिर्द उनकी सेवाएं सर्वविदित है कांग्रेस संगठन से बुद्धिजीवी वर्ग का जुड़ाव सदैव रहा है और बुद्धिजीवी वर्ग को कांग्रेस की रीति नीति के अनुसार कार्यक्रमों से जोड़ना कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए बुद्धिजीवी तबके को कांग्रेस की नीतियों मे सहभागिता दिलाने की उनकी कला का मैं हमेशा कायल रहूंगा, कोटा यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद डॉक्टर हिरोनी ने अपनी सेवाएं कोटा यूनिवर्सिटी मैं दी, परीक्षा विभाग में उनकी संवेदनशीलता सराहनीय रही और राजस्थान में केंद्रीय विश्वविद्यालय किशनगढ़ अजमेर के अस्तित्व में आने के बाद वहां फाउंडर रजिस्ट्रार की हैसियत से पद स्थापित हुए अपनी कार्य कुशलता के बल पर बेहतरीन सेवाएं देकर शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशिष्ट स्थान बनाने वाले भाई कल्याण हीरोनी का निधन अपूरणीय क्षति है ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवारजनों मित्रों सहयोगी शिक्षकों को यह सदमा बर्दाश्त करने की हिम्मत और ताकत दे l
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