जनपथ और नेशनल हेराल्ड ने मोदी सरकार और बीजेपी के एक और बड़े झूठ का राज़ खोला है।
मोदी 16 दिसंबर को कच्छ में जिन सिखों के साथ बैठक कर आए, वे फ़र्ज़ी किसान निकले।
असल में वे किसान नहीं, सिख समुदाय के बीजेपी कार्यकर्ता थे। वे लखपत गुरुद्वारे के निर्माण पर चर्चा करने आए थे।
कच्छ के बीजेपी महासचिव राजू भाई सरदार उन्हें लेकर आये थे। (गोल घेरे में)
आज तक के रिपोर्टर का वीडियो भी देखिये, जिसमें कहा जा रहा है कि "हम तो गुरुद्वारे पर बात करने आए थे।"
अब खुद ही सोचिए कि मीडिया में मोदी की किसानों से चर्चा वाला मसाला आया कहां से?
यही प्रोपोगेंडा है। यही देश को गुमराह कर रहा है और हम सभी को पूरी ताक़त से इसका मुकाबला करना है।
समझ लीजिए कि तोते की जान इसी में है
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