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20 दिसंबर 2020

यक़ीनन कोई यूँ ही जननायक नहीं बन जाता है ,

 

यक़ीनन कोई यूँ ही जननायक नहीं बन जाता है ,, जन नायक बनने के लिए जनता के बीच में , बिना किसी गुरुर , तकब्बुर के , उनमे शामिल होकर रहना पढ़ता है ,,, राजस्थान के जननायक , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक वाक़्या , अचानक याद आ गया ,, और समझ में आ गया के अशोक गहलोत ,गाँधीवादी ,, संवेदनशील , पारदर्शी , स्वीकारित जननायक क्यों है ,,
लोगों की दिलों की धड़कन अशोक गहलोत , कोटा की सांगोद विधानसभा क्षेत्र में ,, भरत सिंह जी द्वारा आयोजित कार्यकम में शामिल होने पहुंचे थे ,, कार्यक्रम समाप्ति के बाद , में और मेरे कुछ साथी ,, सिमलिया टोल नाके के पास , ग्राम पोलायकला के सपरपंच रहे , भाई पुष्पेंद्र जी के ढाबे पर थे ,, सभी कार्यकर्ताओं की ज़िद थी के ,, अशोक जी गहलोत , इसी मार्ग से होकर गुज़रेंगे , उन्हें ,, पुष्पेंद्र जी के ढाबे पर रोकना है ,उनका स्वागत करना है ,, बात सही भी थी , सांगोद से कोटा के लिए ,, अशोक जी गहलोत सिमलिया होते हुए इसी मार्ग पर थे ,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य और अल्पसंख्यक विभाग के कोटा संभाग अध्यक्ष होने के नाते , अशोक जी गहलोत को रोकना , उन्हें ढाबे पर बिठाना , कार्यकर्तों से , तआर्रुफ़ कराने की ज़िम्मेदारी मुझे दी गयी ,, अशोक जी गहलोत को कोटा पहुंचने की जल्दी थी , लेकिन उनका क़ाफ़िला जब , पोलायकला पहुंचा था , रास्ते में ही , उनकी एस्कॉर्ट के बाद उनकी गाडी को हमने रोक लिया , अशोक जी गहलोत की कार रुकी हुई थी ,वोह कार में ही बैठकर ,, लोगों के स्वागत सत्कार के बाद , कोटा पहुंचना चाहते थे , उनके साथ ,, केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल ,, पंकज मेहता सहित कई दर्जन वरिष्ठ कोंग्रेसी थे ,, मोबाइल पर उन्होंने एक मेसेज खोलकर पढ़ा , और समय की कमी की लाचारी बताकर ,, जल्दी होने से जाने के लिए ,कहा , मेने फिर कार्यकर्ताओं की तरफ इशारा कर उनका मन रखने के खातिर उनसे कार में से उतर कर थोड़ा बहुत वक़्त उनके साथ भी गुज़ारने की फिर गुज़ारिश की ,, ,अशोक गहलोत ने ,, समर्थक लोगों की तरफ देखा , वोह कार का दरवाज़ा खोल नीचे उतरे , फिर सभी लोग उनके साथ ढाबे पर बैठे थे , एक एक कार्यर्कता से ,उनका पुरखुलूस परिचय हुआ ,, सरपंच पोलायकला , पुष्पेंद्र जी के ढाबे पर ,, सभी का चाय नाश्ता हुआ ,, गहलोत साहिब से नाश्ते का अनुनय विनय किया तो उन्होंने, सुल्तानपुर के पूर्व उप प्रधान रहे रईस खान से , सिर्फ एक ब्रिसलि पानी की बोतल ,, और नीबू की चाय के सिवा कुछ ना लिया , सभी कार्यर्कताओं के साथ उन्होंने , नाश्ते की टेबल पर उनका साथ दिया , इधर उधर कार्यकर्ताओं से अलग अलग फोटो सेशन हुआ ,, हर कार्यकर्ता संतुष्ट हुआ , और फिर अशोक जी गहलोत ,वही अपनत्व भरी विजयी मुस्कान के साथ , अपने काफिले के साथ कोटा के लिए रवाना हो गए ,, ढाबे पर उस वक़्त , भाजपा के कुछ कार्यर्कता ,, कुछ गहलोत विरोधी लोग भी ग्राहक के रूप में बैठे थे , उन्होंने जब ,, अशोक गहलोत का तुच्छ कार्यर्कताओं के प्रति भी ऐसा सम्मान देखा ,, तो उनके मुंह से बेसाख्ता निकल पढ़ा , यक़ीनन अशोक गहलोत जननायक है ,, और जननायक बनने के लिए , कार्यकर्ताओं के स्वाभिमान , सम्मान का रक्षक होना पढ़ता है ,,, समयाभाव हो , या फिर कोई भी ज़रूरी काम हो , उसके बीच में ,कार्यर्कताओं के लिए वक़्त निकालना पढ़ता है ,, इसीलिए तो , हम नहीं ,,राजस्थान कहता है ,,कार्यकर्ता ही नहीं , जनता भी कहती है ,, अशोक गहलोत राजस्थान की जनता के यक़ीनन स्वीकृत जननायक थे , जननायक है , जननायक ,रहेंगे ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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