जब में बकराईद पर क़ुर्बानी का विरोध करने वालों के मुंह पर तमाचा जड़ने का गुस्सा दिखाता हूँ , तो मेरा फ़र्ज़ यह भी है के मेरे भाइयों के त्यौहार ,, होली पर रंग की पाबंदी , दीपावली पर रंगबिरंगी ,धमाकेदार खुशियों की आतिशबाज़ी , पटाखों की रोक पर भी खून खोले ,, में हर सरकार के इस फैसले के मुखालिफ हूँ ,जो इस तरह की गैर ज़रूरी पाबंदी की बेवकूफियां करते है ,,, हाँ अगर नुकसान है ,तो फिर विज्ञान की तरक़्क़ी करो ,, रिसर्च करो , ऐसे छिड़काव ,ऐसे हालात बनाओ , के खुशियां भी रहे ,धमाके भी रहे ,,पर्यावरण भी रहे ,प्यार भी रहे , मोहब्बत भी रहे , नहीं तो ,, बच्चों को जो दीपावली के लेख में पढ़ाया जाता रहा ,है , जो हमने पढ़ा है ,दीपावली पर पटाखे फोड़ने से ,,,,मौसमी बिमारियों के कई कीटाणुओं की मोत होती है ,और कई बिमारियों से लोग बच जाते है ,, अख्तर
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