आपका-अख्तर खान

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02 नवंबर 2020

आज कुछ वक़्त के लिए पास मेरे काश तुम आ जाओ.

 

आज कुछ वक़्त के लिए पास मेरे काश तुम आ जाओ.
बहुत तनहा हूँ मैं आज काश तुम आ जाओ .
कभी खुद को इतना कमज़ोर न होने दिया मैंने ,
पर आज बिखर गया हूँ काश तुम आ जाओ .
तुमसे मिलते ही मिलता है हौसला हर पल मुझे
चाहिए आज , बाँहों का सहारा काश तुम आ जाओ.
बरसों से जीता आया हूँ बिन तेरे ऐ जान-ए-वफ़ा ,
आज नहीं गुज़र रहा एक पल काश तुम आ जाओ .
वक़्त की रफ़्तार भी जैसे थम सी गयी है ,
थम न जाये मेरी सांस काश तुम आ जाओ.

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