तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
हमें चाहने वाले मित्र
02 नवंबर 2020
अब क्या बताएँ टूटे हैं कितने कहाँ से हम,
अब क्या बताएँ टूटे हैं कितने कहाँ से हम,
ख़ुद को समेटते हैं यहाँ से वहाँ से हम।
क्या जाने किस जहाँ में मिलेगा हमें सुकून,
नाराज़ हैं ज़मीं से ख़फ़ा आसमाँ से हम।
मिलते नहीं हैं अपनी कहानी में हम कहीं,
ग़ायब हुए हैं जब से तिरी दास्ताँ से हम
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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
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