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02 नवंबर 2020

जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी ,जे ऍन यू हॉस्पिटल जगतपुरा जयपुर , के खिलाफ लापरवाही से प्रार्थिया के पति की अकाल मृत्यु कर देने के खिलाफ राजसम्पर्क , में दर्ज शिकायत , 10200538834200 के गलत तरीके से निस्तारण करने

 माननीय अशोक जी गहलोत साहिब
माननीय मुख्यमंत्री महोदय
राजस्थान सरकार ,  बंगला 8  सिविल लाइंस जयपुर राजस्थान


विषय ,,, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी ,जे ऍन यू हॉस्पिटल जगतपुरा  जयपुर , के खिलाफ लापरवाही से प्रार्थिया के पति की अकाल मृत्यु कर देने के खिलाफ  राजसम्पर्क , में दर्ज शिकायत , 10200538834200 के गलत तरीके से निस्तारण करने ,  शिकायत की जांच करने वाले अधिकारी द्वारा मनमानी कार्यवाही करने की शिकायत दर्ज कर , उनके खिलाफ कार्यवाही और प्रार्थिया की शिकायत की सूक्ष्म जांच , ,बूंदी में किसी को भेजकर , उसके बयान रिकॉर्ड कर , संबंधित सबूतो को देखकर ,दोषी अस्पताल  चिकित्सकों , अस्पताल प्रबंधन , मालिक ,के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवा कर कार्यवाही करने के क्रम  में ,

मान्यवर ,
सर्वविदित है के ,आप संवेदनशील  ,गरीबों के हमदर्द , गांधीवादी , ईमानदार मुख्यमंत्री है ,, आपने दोषी लोगों को सज़ा देने , और शिकायतों की जांच करने के लिए व्यवस्था भी बना रखी है ,, लेकिन शिकायत विभाग की प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं होने से , जांच करने वाले लोग ,शिकायत दर्ज करते है ,और बिना किसी   जाँच के , निस्तारित करके , गुमराही वाले आंकड़े श्रीमान को देते है ,, प्रार्थिया के पति को जे ऍन यू अस्पताल , जगतपुरा जयपुर में , कोवीड इलाज के लिए भर्ती कराया गया था ,, सर्वपर्थम तो अस्पताल को जिस भी चिकित्सा अधिकारी ,या प्रशासनिक अधिकारी ने बिना व्यवस्था का निरीक्षण किये , डॉक्टर्स प्रभारी की परफॉरमन्स , अनुभव ,, आवश्यक ज्ञान देखे बिना जिस तरह से , कोविड इलाज के लिए अनुमति देकर ,सरकारी वैबसाइट पर ,, अनुमोदन किया वोह खुद जांच के दायरे में है , जो जानकारी वेबसाइट पर उपकरण ,चिकित्सकों के बारे में दी गयी , उसकी भौतिक जाँच ,सत्यापन , चिकित्सक प्रभारी का मेडिसिन फिज़िशियन के अनुभव को भी देखना था जो नहीं देखा गया ,नतीजन नौसिखियों के यहाँ मेरे पति सही कई  मरीज़ों को एक्सपर्ट इलाज के अभाव में अकाल मोत का ग्रास बनना पढ़ा , ऐसे अधिकारी जिन्होंने इस अस्पताल की जांच किये बिना इसे कोविड इलाज के लिए अनुमति दी , उसके खिलाफ भी कार्यवाही होना ही चाहिए ,,,
आदरणीय प्रार्थिया के पति सय्यद अख्तर हुसेन राजकीय सेवा से हाल ही में बूंदी उप निदेशक सांख्यिक पद से सेवानिवृत्त हुए वोह हष्ट पुष्ट ,खुद के बारे में सजग सतर्क व्यक्ति थे ,, अचानक उनकी तबियत खराब होने पर ,, जे ऍन यू अस्पताल की प्रेरणा सिंह से बात होने पर  वहां कोविड इलाज की बेहतर व्यवस्था , बेड , बाइपेप ,, आई सी यू , एक्सपर्ट अनुभवी चिकत्सक का कहने पर उन्हें कोटा के स्थान  पर बेहतर इलाज के लिए बूंदी से जयपुर ले जाकर स्वस्थ ,चलती फिरती हालत में भर्ती कराया गया ,, वहां उनका इलाज प्रोपर नहीं हुआ ,,गरारे ,गारगिल नियमित नहीं कराये ,,डाइट प्रॉपर नहीं दी ,दवाये व्यवस्थित नहीं दीं ,, इलाज प्रॉपर नहीं किया ,,प्लाज़्मा का बार बार कहने पर प्लाज़्मा नहीं दिया ,,चिकत्सक डॉक्टर जसवंत गोयल इंचार्ज ने ,मरीज़ और मरीज़ के परिजनों मुझ से मेरी बेटियों से बात तक नहीं की ,काफी प्रयास कर उनसे बात करना चाही उन्होने कुछ सुन्ना नहीं चाहा ,, खुद आदरणीय केबिनेट मंत्री शानती कुमार धारीवाल ने उनके मोबाइल नंबर पर कई बार अपने निजी सहायक से फोन पर बात करने के लिए फोन मिलवाये , लेकिन उन्होने फोन नहीं उठाये ,  ऐसी लापरवाही ,, अधीनस्थों की सुनवाई नहीं की ,अस्पताल में , उपकरण भी खराब ,बाईपेप लीकेज , आई  सी यू में शिफ्ट करते वक़्त ,  आई सी यू ऑक्सीजन खराब होने से , प्रार्थियां के पति  बेहोश हो गए ,फिर दूसरे वेंटिलेटर पर लेते वक़्त ,  उनकी और तबियत बिगड़ी बस तब के बाद स्थिती नहीं  सुधरी ,, आखरी वक़्त में प्लाज़्मा चढ़ाया जो बेकार ही साबित हुआ और प्रार्थिया के पति की मोत हो गयी ,,  यह संक्षिप्त शिकायत है , इसके पूर्व विस्तृत शिकायत दी जा चुकी है ,जो राज पार्टल पर है ,, जिसका निस्तारण नोडल अधिकारी ने बताया है , प्रार्थिया  की पुत्री ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है , वोह भी संलग्न है , अस्पताल के बिल वगेरा भी साथ में है , जबकि अस्पताल का सारा रिकॉर्ड अस्पताल में है जहाँ से पुष्टि की जा सकती है ,, ऐस्क्पर्ट को दिखाकर , प्लाज़्मा नहीं देने की लापरवाही , दवाये जो देना चाहिए थीं उनकी जगह दूसरी दवाये देने की लापरवाही भी साबित हो जायेगी ,, प्रार्थिया के पास फोटोग्राफ , प्रार्थिया के पति , और कुछ चिकित्सकों से बात चित के ओड़ियो है ,, वीडियो है जिसमे ,डॉक्टर का नहीं मिलना ,डॉक्टर की लापरवाही , ऑक्सीजन के वक़्त , वेंटिलेटर की दिक़्क़त , सब साबित है ,,,
 माननीय अफ़सोस इस बात का  का है के , राजसम्पर्क , में दर्ज शिकायत , 10200538834200  का निस्तारण कर दिया गया , 28 अक्टूबर को  प्रार्थिया के पास  उसके मोबाइल ,7737746300 महिला का फोन आया , महिला ने कहा आप दस्तावेज लेकर जयपुर पहुंचो ,,  प्रार्थिया ने  पूंछा कहाँ किस विभाग में , किस अधिकारी को देना है तो उन्हें कोई  जानकारी नहीं थी ,सिर्फ रस्म अदायगी वाली बात थी , आदरणीय प्रार्थिया वर्तमान में  इद्दत अवधि में है। .

मानयवर प्रार्थिया अभी इद्दत अवधि में है  , उसके कोई पुत्र नहीं है ,दो बेटियां है ,, एक बेटी पढ़ रही है ,एक बेटी विवाहित है वोह कहीं आ जा  नहीं सकती , प्रार्थिया के पास दस्तावेज ,  इलाज के पर्चे ,,  ऑडियो ,वीडियो रिकॉर्डिंग के सुबूत  भी है ,  प्रार्थिया के पास उसकी शिकायत साबित करने के पर्याप्त सुबूत है  ,,  अस्पताल का रिकॉर्ड , अस्पताल को कोविड के लिए निरीक्षित उपकरणों  की रिपोर्ट की भी जांच करवाइये ,,  फिज़िशियन  एक्सपर्ट के बगैर कैसे डॉक्टर जसवंत की निगरानी में यह कोविड इलाज का कारोबार  सौंपा गया ,गंभीर बात है , क्योंकि सरकारी अनुमोदित सूचि पर भरोसा कर ,प्रार्थिया ने उसके पति का इलाज जे ऍन यू में चुना था ,, आदरणीय प्रार्थिया के बूंदी स्थित निवास पर किसी जाँच अधिकारी को भेजकर इस मामले की गंभीरता से  जांच करवाए , दोषी लोगों को सज़ा दिलवाये , अस्पताल और डॉक्टर के लाइसेंस के निलंबन  के साथ उन्हें फौजदारी मामले में सज़ा  दिलवाये ताकि वोह भविष्य में किसी और मरीज़  की मोत का कारण ना बने ,यह सब आपके संवेदनशील होने से , आपसे ही अपेक्षा है ,मेरी बेटी  की  संक्षिप्त रिपोर्ट ,  कुछ दस्तावेज साथ में संलग्न है  ,प्लीज़  इसे गंभीरता से ले ,प्रार्थिया की इद्दत अवधि की बंदिशे , उसके विधवा  होने के साथ मात्र दो पुत्रियां होना ,  पुत्र नहीं होने की पारिवारिक परस्थितियों  को देखते हुए सहानुभूतिपूर्वक  प्रार्थिया की इस याचिका पर विचार करे , अफसरशाह तो ऐसी सभी शिकायते दबा देने ,  कचरे के डिब्बे में डालकर निस्तारित करने  की टिप्पणियां करने में माहिर है ,ऐसे लोगों के  खिलाफ भी कार्यवाही कर अनुग्रहित करे  ,  
प्रार्थिया

श्रीमती नाज़िमा खानम  ,पत्नी स्वर्गीय सय्यद अख्तर हुसैन
राजसम्पर्क , में दर्ज शिकायत , 10200538834200
नाज़ मंज़िल ,  शास्त्री नगर ,  नेनवा रोड बूंदी राजस्थान 323001
मोबाइल 77377746300 न 9829086339

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