आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

05 नवंबर 2020

और जो मोमिनीन तुम्हारे पैरो हो गए हैं उनके सामने अपना बाजू़ झुकाओ

  और जो मोमिनीन तुम्हारे पैरो हो गए हैं उनके सामने अपना बाजू़ झुकाओ (215)
(तो वाज़ेए करो) पस अगर लोग तुम्हारी नाफ़रमानी करें तो तुम (साफ़ साफ़) कह दो कि मैं तुम्हारे करतूतों से बरी उज़ जि़म्मा हूँ (216)

और तुम उस (ख़ुदा) पर जो सबसे (ग़ालिब और) मेहरबान है (217)
भरोसा रखो कि जब तुम (नमाजे़ तहज्जुद में) खड़े होते हो (218)
और सजदा (219)
करने वालों (की जमाअत) में तुम्हारा फिरना (उठना बैठना सजदा रुकूउ वगै़रह सब) देखता है (220)
बेशक वह बड़ा सुनने वाला वाकि़फ़कार है क्या मै तुम्हें बता दूँ कि शयातीन किन लोगों पर नाजि़ल हुआ करते हैं (221)
(लो सुनो) ये लोग झूठे बद किरदार पर नाजि़ल हुआ करते हैं (222)
जो (फ़रिश्तों की बातों पर कान लगाए रहते हैं) कि कुछ सुन पाएँ (223)
हालाँकि उनमें के अक्सर तो (बिल्कुल) झूठे हैं और शायरों की पैरवी तो गुमराह लोग किया करते हैं (224)
क्या तुम नहीं देखते कि ये लोग जंगल जंगल सरगिरदा मारे मारे फिरते हैं (225)
और ये लोग ऐसी बाते कहते हैं जो कभी करते नहीं (226)
मगर (हाँ) जिन लोगों ने इमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए और क़सरत से ख़़ुदा का जि़क्र किया करते हैं और जब उन पर ज़़ुल्म किया जा चुका उसके बाद उन्होंनें बदला लिया और जिन लोगों ने ज़ु़ल्म किया है उन्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा कि वह किस जगह लौटाए जाएँगें (227)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...