पति-पत्नी दोनों सरकारी अधिकारी थे...
जिसमें पत्नी जो थीं वे एक रैंक छोटी अधिकारी थी ।
एक बार उनमें ऐसी खटपट हो गई की बोलचाल भी बन्द..!! !
घर में तीसरा कोई नहीं था तो बड़ी तकलीफ हो गई ।
खैर, चूँकि दोनों सरकारी सेवक थे सो इस चुप्पी का भी हल निकाल लिया ।
नोट-शीट के माध्यम से लिखा-पढ़ी करके बातचीत होने लगी ।
एक शाम जब पति महोदय घर आये तो पत्नी ने नोट शीट पेश कर दी : थके हुए लगते हैं, क्या चाय लेना चाहेंगे?
पति ने लिखा : यथा प्रस्तावित
पत्नी ने आगे भी लिखा : आदेश हो तो साथ में बिस्किट भी संलग्न किये जावे..?
पति ने लिखा :- अनुमोदित, किन्तु मात्र 2 ही स्वीकृत
इसी प्रकार नोट शीट पर लिख-लिख कर चाय-पानी, खाना पीना वगैरह चलने लगा..
किन्तु बातचीत बन्द ही थी
अचानक एक दिन पत्नी ने नोटशीट प्रस्तुत की :
मेरी माताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, चार दिनों के लिए मायके जाना चाहती हूँ, कृपया अवकाश स्वीकृत कर रिलीव करें।
पति ने लिखा : स्वीकृत, किन्तु "वैकल्पिक व्यवस्था" सुनिश्चित करने के पश्चात् ही अवकाश पर जावें ..
और फिर क्या था.....उसके बाद पानीपत का चौथा युद्ध प्रारंभ हुआ
अब पतिदेव मेडिकल लीव पर हैं......
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)