आपका-अख्तर खान

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10 अक्तूबर 2020

जवानी, हुस्न, मयखाने

 

जवानी, हुस्न, मयखाने, लबो रुखसार बिकते हैं
हया के आईने भी सब सरे बाज़ार बिकते हैं।
शराफ़त, ज़र्फ़,हमदर्दी दिलों से हो गयी रुखसत
जहाँ दौलत चमकती है वहीं किरदार बिकते हैं

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