फ़िरऔन ने कहा (अच्छा) तो तुम अगर (अपने दावे में) सच्चे हो तो ला दिखाओ (31)
बस (ये सुनते ही) मूसा ने अपनी छड़ी (ज़मीन पर) डाल दी फिर तो यकायक वह एक सरीही अज़दहा बन गया (32)
और (जेब से) अपना हाथ बाहर निकाला तो यकायक देखने वालों के वास्ते बहुत सफेद चमकदार था (33)
(इस पर) फ़िरऔन अपने दरबारियों से जो उसके गिर्द (बैठे) थे कहने लगा (34)
कि ये तो यक़ीनी बड़ा खिलाड़ी जादूगर है ये तो चाहता है कि अपने जादू के
ज़ोर से तुम्हें तुम्हारे मुल्क से बाहर निकाल दे तो तुम लोग क्या हुक्म
लगाते हो (35)
दरबारियों ने कहा अभी इसको और इसके भाई को (चन्द) मोहलत दीजिए (36)
और तमाम शहरों में जादूगरों के जमा करने को हरकारे रवाना कीजिए कि वह लोग
तमाम बड़े बड़े खिलाड़ी जादूगरों को आपके सामने ला हाजि़र करें (37)
ग़रज़ वक़्त मुक़र्रर हुआ सब जादूगर उस मुक़र्रर वक़्त के वायदे पर जमा किए गए (38)
और लोगों में मुनादी करा दी गयी कि तुम लोग अब भी जमा होगे (39)
या नहीं ताकि अगर जादूगर ग़ालिब और वर है तो हम लोग उनकी पैरवी करें (40)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 अक्तूबर 2020
फ़िरऔन ने कहा (अच्छा) तो तुम अगर (अपने दावे में) सच्चे हो तो ला दिखाओ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)