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23 सितंबर 2020

केंद्र सरकार के अधीनस्थ , भारत सरकार का नारकोटिक्स ब्यूरो विभाग , नरेंद्र मोदी कार्यकाल में ,, मुंबई ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ क्यों चुप रहा

 केंद्र सरकार के अधीनस्थ , भारत सरकार का नारकोटिक्स ब्यूरो विभाग , नरेंद्र मोदी कार्यकाल में ,, मुंबई ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ क्यों चुप रहा ,, क्यों ,ड्रग्स के अपराध बढ़ते गए ,इस मामले में ,सभी नाकारा निकम्मे अधिकारीयों ,, गृहमंत्री ,नारकोटिक्स मंत्री सहित ज़िम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए ,, देश देख रहा है ,के भारत में सात वर्षो से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की मिली जुली सरकार है , अधिकारी नियंत्रित है ,,पिछले सात सालों में मुंबई नारकोटिक्स ब्यूरो सहित दूसरे स्थानों पर ,ड्रग्स माफिया के खिलाफ कोई बढ़ी कार्यवाही इस विभाग के अधिकारीयों ने नहीं की ,फिल्म इंस्ट्रीज़ जिस के कलाकार सहित किए संबंधित लोगों के खिलाफ आज , ड्रग्स के सुबूत मिले है ,सुशांत को ड्रग्स देने ,या ड्रग्स पार्टियों की जो बात सामने आयी ,है वोह आज की नहीं है ,पुरानी घटनाये है ,ऐसे में स्पष्ट है के ,,नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री साहिब के कार्यकाल में अगर ,, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा रहता , कोई अनुसंधान ,कोई छापामार कार्यवाही करता ,, तो शायद सुशांत ड्रग्स लेकर नहीं मरता ,यह ड्रग्स पार्टियां नहीं बढ़ती ,फिल्म इंडस्ट्रीज़ ड्रग्ज़ इंडस्ट्रीज़ के रूप में बदनाम नहीं होती ,, बात साफ़ है ,,कुछ तो दाल में काला है ,,विभाग की चुप्प्पी वोह विभाग जिसका नियंत्रण प्रधानमंत्री साहिब भी करते है ,,ऐसा विभाग जो देश में नशा बेचने ,, नशा फैलाने के खिलाफ कठोर कार्यवाही के लिए ज़िम्मेदार है ,उसकी नाक के नीचे यह सब होता रहा ,और इसके पूर्व तो महाराष्ट्र में भी इन्ही लोगों की सरकार थी ,,,तो जनाब ,मुंबई के नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारीयों ,संबंधित मंत्रियों , प्रधानमंत्री कार्यालय की इस मामले में सात सालों की चुप्पी की जांच , लोकसभा की प्रतिपक्ष के नेतृत्व में बनी संसद समिति के ज़रिये करवाया जाए ताके ,नारकोटिक्स ब्यूरो के यह अधिकारी मुंबई फिल्म इंस्ट्रीज़ में नशे के व्यापार पनपने , नशे का कारोबार ,होने , नशे की पार्टियां होने पर भी ,मूकदर्शक क्यों बने रहे ,, किसकी शह थी ,क्या मजबूरियां थी जो ,,नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे थे ,, क्या फिल्म इंस्ट्रीज़ में इस छूट के बदले ,, कोई चौथ वसूलियां हो रही थीं ,केंद्र मंत्री ,,केंद्र सरकार का इसमें क्या दखल था ,मॉनिटरिंग में जान बूझकर लापरवाही क्यों बरती जा रही थी ,जबकि संजय दत्त से ,लेकर फ़िरोज़ खान की ,फिल्मों तक ,ड्रग्स के मामले में ,, मुंबई खासकर फिल्म इंडस्ट्रीज़ पर कांग्रेस कार्यकाल में कई बढे बढे दिग्गजों के खिलाफ कार्यवाही हुई है ,तो यह गठजोड़ ,नशे के सौदागरों ,नशे के शौकीनों के साथ ,केंद्र सरकार और केंद्र सरकार के नारकोटिक्स ब्यूरो ने गुपचुप क्यों रखा ,, क्यों अपने पदीय , विभागीय कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया ,अगर सुशांत की मोत नहीं होती ,अगर बिहार में सुशांत की मोत चुनावी मुद्दा नहीं होता ,,,अगर बिहारी के नाम पर वोट लेने के लिए ,सुशांत मामले की जांच सी बी आई से करवाने के बावजूद भी ,रिया नहीं निकलती , तो फिर केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ,, का हथियार इस्तेमाल नहीं होता ,तो यह सब जो भी लोगों के सामने कुत्ता फजीती है ,फिल्म इंडस्ट्रीज़ ,, नशे के सौदागरों , नशे के शौकीनों की इंडस्ट्रीज़ है यह कड़वा सच सामने नहीं आता और ज़िम्मेदार ,सिर्फ नारकोटिक्स विभाग , केंद्रीय गृहमंत्री ,नारकोटिक्स मंत्री , प्रधानमंत्री कार्यालय ही इस लचर व्यवस्था , इस ड्रग्स फ़िल्मी ड्रामे के लिए ज़िम्मेदार है , ऐसे में प्रतिपक्ष की संयुक्त संसदीय समिति बनाकर ,इसकी निष्पक्ष जांच करवाने के लिए , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निर्देश देना चाहिए ,,,,या फिर सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस काटजू से इस मामले में ननिश्पक्ष जांच करवाकर , जो भी रिपोर्ट आये देश के सामने लाना चाहिए ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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