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23 सितंबर 2020

:-:कोरोनाकाल में बेचारी हिन्दी :-:*

 

:-:कोरोनाकाल में बेचारी हिन्दी :-:*
""" कोरोनकाल में
हिन्दी का प्रयोग घटा है ।
*' दहशत '* की जगह
*' पैनिक '* शब्द आ डटा है ।
*वायरस* देखकर -
हिन्दी शब्दों की ख़पत घटी है ।
अब हमारी बातचीत में ,
*विटामिन-सी, जिंक,*
*स्टीम और इम्यूनिटी है*
उधर *'सकारात्मक'* की जगह ,
*'पॉजिटिव'* शब्द ने हथियाई है ।
इधर *'नेगेटिव'* होने पर भी ,
*खुशी है ,बधाई है l*
अब ज़िन्दगी में *'महत्वपूर्ण कार्य'* नहीं
*'इम्पोर्टेन्ट टास्क'* हैं ।
हमारे नए आदर्श
*अब हैंडवाश, सेनिटाइजर और मास्क हैं l*
हिन्दी के अनेक शब्द
*सेल्फ क्वारेन्टीन हैं ।*
*कुछ आइसोलेशन में हैं ,*
*कुछ बेहद ग़मगीन हैं ।*
*मित्रों ,इस कोरोनकाल में ,*
हमारे साथ ,
हिन्दी की शब्दावली भी डगमगाई है ।
वो तो सिर्फ *" काढ़ा "* है ,
जिसने हिन्दी की जान बचाई है l

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