और अगर कहीं हक़ उनकी नफ़सियानी ख़्वाहिश की पैरवी करता है तो सारे आसमान व
ज़मीन और जो लोग उनमें हैं (सबके सब) बरबाद हो जाते बल्कि हम तो उन्हीं के
तज़किरे (जिब्राईल के वास्ते से) उनके पास लेकर आए तो यह लोग अपने ही
तज़किरे से मुँह मोड़तें हैं (71)
(ऐ रसूल) क्या तुम उनसे (अपनी रिसालत की) कुछ उजरत माँगतें हों तो
तुम्हारे परवरदिगार की उजरत उससे कही बेहतर है और वह तो सबसे बेहतर रोज़ी
देने वाला है (72)
और तुम तो यक़ीनन उनको सीधी राह की तरफ़ बुलाते हो (73)
और इसमें शक नहीं कि जो लोग आखि़रत पर इमान नहीं रखते वह सीधी राह से हटे हुए हैं (74)
और अगर हम उन पर तरस खायें और जो तकलीफें उनको (कुफ्र की वजह से) पहुँच
रही हैं उन को दफ़ा कर दें तो यक़ीनन ये लोग (और भी) अपनी सरकशी पर अड़ जाए
और भटकते फिरें (75)
और हमने उनको अज़ाब में गिरफ्तार किया तो भी वे लोग न तो अपने परवरदिगार के सामने झुके और गिड़गिड़ाएँ (76)
यहाँ तक कि जब हमने उनके सामने एक सख़्त अज़ाब का दरवाज़ा खोल दिया तो उस वक़्त फ़ौरन ये लोग बेआस होकर बैठ रहे (77)
हालाँकि वही वह (मेहरबान खु़दा) है जिसने तुम्हारे लिए कान और आँखें और
दिल पैदा किये (मगर) तुम लोग हो ही बहुत कम शुक्र करने वाले (78)
और वह वही (ख़ुदा) है जिसने तुम को रुए ज़मीन में (हर तरफ़) फैला दिया और
फिर (एक दिन) सब के सब उसी के सामने इकट्ठे किये जाओगे (79)
और वही वह (ख़ुदा) है जो जिलाता और मारता है कि और रात दिन का फेर बदल भी
उसी के एख़्तियार में है तो क्या तुम (इतना भी) नहीं समझते (80)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 सितंबर 2020
और अगर कहीं हक़ उनकी नफ़सियानी ख़्वाहिश की पैरवी करता है तो सारे आसमान व ज़मीन और जो लोग उनमें हैं (सबके सब) बरबाद हो जाते
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