कोटा ज़िला कोंग्रेस कमेटी के , कर्मठ, युवा ,वफादार , ओजस्वी वक्ता , संगठन
सचिव, भाई रामेश्वर सुंवालका को उनकी सालगिराह पर दिली मुबारकबाद , वो खुद
कार्यकर्ता साथियों का जन्म दिन कोंग्रेस कार्यालय में बुलाकर मनाने की
परंपरा डाल चुके हैं , आज उनके जन्म दिन पर , उन्हें पुरखुलूस दुआसोन के
साथ दिली मुबारकबाद ,, कहावत है कोई काम नहीं है मुश्किल ,, जब क्या इरादा
पक्का ,, ,गुमानपुरा कोटा कांग्रेस कार्यालय इन दिनों ,,कांग्रेस जिला
संगठन महामंत्री रामेश्वर सूँवालका की देखरेख में व्यवस्थित और समस्या
मुक्त होता जा रहा है ,जबकि कांग्रेस कार्यालय में रामेश्वर सूँवालका की
नियमित उपस्थिति से वहां रोज़ मर्रा के आने जाने वालों की उपस्थिति भी बढ़ी
है ,,,छात्र राजनीति से ही समस्याओं के समाधान में विकास का विज़न रखकर काम
करने का अनुभव रखने वाले भाई रामेश्वर सूँवालका कोटा जिला कांग्रेस के
संगठन महामंत्री के पद पर कार्यरत होने से कार्यालय की सभी ज़िम्मेदारियाँ
जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी के निर्देशों पर संभाले हुए है ,,
वोह स्वायत्तशासन मंत्री शानतिकुमार धारीवाल के भी निकटतम समर्पित
कार्यर्कताओं में से एक है ,, कोटा कांग्रेस कार्यालय में रामेश्वर
सूँवालका ने कार्यभार संभालते ही ,बैठने की व्यवस्थाएं बनाई ,,वातानुकूलित
सिस्टम तैयार करवाया ,,ज़ाकिर मेव कांग्रेस पदाधिकारी की मदद से हाईटेक
व्यवस्था के तहत कम्प्यूटर लिया जबकि हमीद खान ,मास्टर मोहनलाल ,सुरेशशर्मा
के सहयोग से कार्यालय की रेलिंग ,लाइट ,बाहरी क्षेत्र की पुताई वगेरा का
कार्य हुआ ,वाटर कूलर की व्यवस्था हुई ,,कांग्रेस कार्यालय के बाहर और अंदर
की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए ,वहां सी सी टी वी कैमरे लगवाए गए ,,
रामेश्वर सूँवालका नियमित शाम को तीन से चार घंटे कार्यालय में अपने साथी
पदाधिकरियों के साथ बैठकर कार्यालय का कामकाज निपटाते है ,,इनके कार्यकाल
में सदस्य्ता अभियान के तहत ,कांग्रेस सदस्य बनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़
पढ़ी है और कार्यालय में खुद स्वेच्छिक रूप से आकर कांग्रेस की सदस्य्ता
ग्रहण करने वालों की संख्या हज़ारों हज़ार हो गयी है , ,कांग्रेस कार्यालय
में नियमित साफ़ सफाई व्यवस्था ,अनुशासन व्यवस्था भी टोकाटोकी करते हुए
रामेश्वर सूँवालका उनकी टीम लगातार कर रही है ,,कोटा कांग्रेस कार्यालय में
अभी भविष्य के विज़न और ज़रूरतों को देखते हुए कई और विकास कार्य होने जा
रहे है ,जिसकी देखरेख भी रामेश्वर सूँवालका करेंगे ,,, कार्यालय में आयोजित
कार्यक्रमों को व्यस्थित रूप से सम्पादित ,संचालित करने की ज़िम्मेदारी
रामेश्वर सूँवालका नियमित बखूबी निभा रहे है , वरिष्ठजनों का सम्मान ,छोटों
को प्यार ,बराबर उम्र वालों का सहयोग ,रामेश्वर सूँवालका का कार्यमन्त्र
है ,, रामेश्वर सूँवालका छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहे है वर्ष 1999 में
यह विकट परिस्थितियों में भी छात्र ,छात्राओं के भारी समर्थन से कोटा
महविद्यालय के छात्र संघ निर्वाचित हुए ,इनके छात्र संघ अध्यक्ष कार्यकाल
में छात्र ,छात्राओं का स्वाभिमान सम्मान की रक्षा के लिए रामेश्वर
सूँवालका के नेतृत्व में सैकड़ों आंदोलन ब्यूरोक्रेट्स ,निजी उद्योगों सहित
अन्य व्वस्थाओं को लेकर किये गये ,,,,ग्रामीण क्षेत्र के छात्र छात्रों
उनके परिजनों को केरोसीन की किल्ल्त से उत्पीड़ित देखकर जब रामेश्वर
सूँवालका ने कोटा जिला रसद अधिकारी से वार्ता कर व्यवस्थाओं की खामियां और
भ्रष्टाचार दूर करने की गाँधीवादी विचारधारा के तहत प्रार्थना की ,तो रसद
अधिकारी की अफसर शाही मुंह चढ़ कर बोलने लगी ,और वोह अभद्रता पर आ गए ,ऐसे
में रामेश्वर सूँवालका के अंदर भगत सिंह जाग्रत हुए और इन्होने सभी के
सामने सार्वजनिक रूप से ,छात्र छात्रों और आम जनता को प्रताड़ित कर अपमानित
करने वाले रसद अधिकारी को मुर्गा बनाकर दंडित कर दिया ,इनका यह कृत्य चाहे
आपराधिक था ,,लेकिन जनहितकारी होने से इन्हे भारी समर्थन मिला ,इनका संघर्ष
समस्याओं के समाधान के लिए जारी रहा और क़रीब 19 से भी अधिक फौजदारी
मुक़दमों का इन्हे सामना करना पढ़ा ,,वर्तमान में शिक्षा क्षेत्र से निकल कर
,शिक्षा क्षेत्र में ही यह छात्र छात्राओं को तकनीकी स्वरोजगार से जुडी
शिक्षा दे रहे है ,जबकि इनकी मेज़बानी से छात्र छात्राये अभी भी अभिभूत है
,, कोटा छात्र संघ अध्यक्ष कार्यकाल में इनके प्रभाव से केमिस्ट्री की
आधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण ,जूलॉजी की नई क्लासों का संचालन
,,वृक्षारोपण ,स्काउट सेवा ,और कॉलेज में लाइब्रेरी का निर्माण ऐतिहासिक
अविस्मरणीय यादगार उपयोगी कार्य रहे है ,,, रामेश्वर सूँवालका संघर्ष और
सेवा समर्पण ,,राजनीती के लम्हों से निकल कर ,अपनी माँ श्रीमती कमला ,पिता
श्री बाबुलाल की सेवा भी करते है , उनका आशीर्वाद लेते है ,जबकि एक अच्छे
पति के रूप में पत्नी नीतू सुवालका के साथ उनके बताये हुए होमवर्क जो सभी
पतियों को करना ज़रूरी होता है ,हँसते मुस्कुराते हुए करते है जबकि चुनमुन
बेटा ग्रंथ , बिटिया पलछिन के साथ मिलकर अपनी थकान मिटा लेते है ,,, अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान
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