दोस्तों
,,मालवा फर्नीचर के कर्ता धर्ता समाजसेवी ,,इलियास अंसारी की आज योम ऐ
पैदाइश का खुशनुमा दिन है ,,भाई इलियास अंसारी यूँ तो किसी परिचय के मोहताज
नहीं ,,लेकिन समाजसेवा का इनका अपना जज़्बा ,,इनका अपना प्रबंधन ,,ऐतिहासिक
और अनुकरणीय है ,,ऐसा प्रबंधन के सुपात्र व्यक्ति के पास सीधी मदद पहुंचे
,,वोह दुआएं दे ,,मदद उपयोगी है ,,, हाल ही कोरोना संक्रमण में इनकी मदद ,
इनका जज़्बा , मददगारों के लिए अनुकर्णीय रहा है , कोटा सहित राजस्थान की कई
समाज सेवी संस्थाओ से जुड़े भाई इलियास अंसारी
ने ,,नफरत के माहौल में मोहब्बत का पैगाम दिया ,,फसादात ,,बटवारे के माहौल
में क़ौमी एकता का परचम बुलंद किया ,,,कोटा फर्नीचर व्यापार महासंघ
,,शॉपिंग सेंटर व्यापार संघ के कई साल अध्यक्ष रहने के नाते ,,इन्होने
व्यापरियों को ईद की सिवय्यियों की मिठास भी बांटी तो दीपावली में मोहब्बत
के धमाकों के बाद ,,लाइटों की झिलमिलाहट के साथ नफरत के माहौल को खुशनुमा
बनाकर एक दूसरे के गले मिलकर क़ौमी एकता का इतिहास क़ायम किए ,,व्यापारियों
के हक़ हुक़ूक़ के लिए खुले तोर पर जांबाज़ी के साथ संघर्ष किया ,,उन्हें मान
सम्मान दिलवाया ,,,कोटा व्यापार महासंघ संघ से जुड़े इनके व्यापार संघ की
अनूठी मिसाल क़ायम की ,,इलियास अंसारी ,,अंसारी पंचायत के कई सालों तक
निर्विवाद अध्यक्ष रहे ,,इनके कार्यकाल में अंसारी समाज के कल्याण ,,,एकता
,मनोरंजन और उत्साहवर्धन के कई कार्यक्रम आयोजित किये गए ,,इनकी महमान
नवाज़ी आज भी मिसाल है ,,इलियास अंसारी कई सालों से हर साल ,,बेमिसाल ,,दस
दिन तराबीह का कार्यक्रम करवाते है ,,जंगलीशाह बाबा दरगाह परिसर के महफ़िल
खाने में दस दिन की बहतरीन क़ाबिल मौलाना का तराबीह के लिए इंतिज़ाम होता है
,रोज़ रोज़ेदारो के लिए हर तरह की सुविधाएं मुहैया होती है और जब क़ुरआन शरीफ
पूरा होकर दुआ होती है ,,उस दिन माशा अल्लाह एक नया ईद का जश्न आधी रात को
तराबीह में दुआओं के साथ ,,अमन ,सुकून ,खुशहाली ,,देश और कॉम की तरक़्क़ी
फलाबहबूदगी की खुदा से आजिज़ी के साथ इल्तिजा का अजब नज़ारा होता है
,,महमाननवाज़ी के बारे में इस वक़्त तो क्या कहिये ,,हर साल यादगार कार्यक्रम
लोगो की ज़ुबान पर रहता है उससे कहीं बढ़कर नए साल में इबादती जश्न का माहौल
होता है ,,, भाई इलियास अंसारी की दरियादिली सभी जानते है इनके दरवाज़े से
कभी कोई ज़रुरत मंद खाली हाथ नहीं लोटा ,,हर साल यह मदद वितरण प्रबंधन के
तहत ,,लगभग दो सो ज़रुरत मंद महिलाओं को प्रतिमाह महीने के दूसरे रविवार को
इनकी तरफ से पेंशन का मेला लगाया जाता है जहां इनकी पत्नी व् बच्चे इन
महिलाओं की पात्रता देखकर इन्हे प्रतिमाह पेंशन देकर इनके चेहरे पर
खुशनुमा मुस्कान लेकर ख़ुशनूदगी की दुआएं लेते ,है ,इलियास अंसारी समाज से
जुड़े मुद्दों पर भी सक्रिय है और हर दुःख तकलीफ में समस्याओं के समाधान को
लेकर होने वाली कार्ययोजना में शामिल रहकर महत्वपूर्ण भूमिका निभागे है
,,भाई इलियास अंसारी को उनकी योम ऐ पैदाइश पर एक बार फिर मुबारकबाद
,,खुशहाली ,,कामयाबी ,,नेकनीयती ,,उम्र दराज़ी की बेशुमार दुआएं ,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
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