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17 जून 2020

हम तुम्हारे पास सत्य लाये हैं और वास्तव में, हम सत्यवादी हैं

61 ﴿ फिर जब लूत के घर भेजे हुए (फ़रिश्ते) आये।
62 ﴿ तो लूत ने कहाः तुम (मेरे लिए) अपरिचित हो।
63 ﴿ उन्होंने कहाः डरो नहीं, बल्कि हम तुम्हारे पास वो (यातना) लाये हैं, जिसके बारे में वे संदेह कर रहे थे।
64 ﴿ हम तुम्हारे पास सत्य लाये हैं और वास्तव में, हम सत्यवादी हैं।
65 ﴿ अतः कुछ रात रह जाये, तो अपने घराने को लेकर निकल जाओ और तुम उनके पीछे रहो और तुममें से कोई फिरकर न देखे तथा चले जाओ, जहाँ आदेश दिया जा रहा है।
66 ﴿ और हमने लूत को निर्णय सुना दिया कि भोर होते ही इनका उन्मूलन कर दिया जायेगा।
67 ﴿ और नगर वासी प्रसन्न होकर आ गये[1]
1. अर्थात जब फ़रिश्तों को नवयुवकों के रूप में देखा तो लूत अलैहिस्सलाम के यहाँ आ गये ताकि उन के साथ अश्लील कर्म करें।
68 ﴿ लूत ने कहाः ये मेरे अतिथि हैं, अतः मेरा अपमान न करो।
69 ﴿ तथा अल्लाह से डरो और मेरा अनादर न करो।
70 ﴿ उन्होंने कहाः क्या हमने तुम्हें विश्व वासियों से नहीं रोका[1] था?
1. सब के समर्थक न बनो।

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