पत्थरों
के बीच तफरीह के मूड में खड़ी ,, क़ानून की सरकारी पैरोकार यह शख्सियत
,नित्येंद्र शर्मा , वरिष्ठ अपर लोक अभियोजक , के अंदाज़ से ही हम समझ ले के
पत्थरों में रहकर भी जो सुकून में ,है ,ऐसी शख्सियत अपराधियों के खिलाफ
,, ईमानदाराना , पैरवी कर उन्हें सज़ा दिलाने की कोशिशों में कामयाब होने के
बाद कितने सुकून में होती होगी ,, जी हाँ दोस्तों कोटा में नियुक्त रहे
वरिष्ठ अपर लोक अभियोजक नित्येंद्र शर्मा , जो सामाजिक सरोकार से भी अपना
वास्ता रखते ,है लोगों के दुखदर्द में भी , बिना किसी शोर शराबे , प्रचार
के उनके मददगार बनते है ,,यह कोटा की कई महत्वपूर्ण कोर्टों में सरकार की
तरफ से ,अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए पैरोकार है , मज़बूत पैरोकार है ,,
यूँ तो सभी जानते है ,आज के इस माहौल में , फरियादी के साथ क्या सुलूक है
,और समझोतो ,, ,समझाईशों ,खौफ के वातावरण के बाद गवाहों के हालात क्या है
,,सही मायनों में ,ऐसी पैरवी में , पत्थरों से सर फोड़ने की तरह ,पैरोकारी
है , लेकिन फिर भी ,नित्येंद्र शर्मा अपने कार्य सम्पादन में ,व्यवहार
कुशलता के साथ ,फरियादी ,गवाह को हिम्मत देते ,है समझाइश करते है ,,उन्हें
जिरह के सवाल जवाबों के बारे में जानकारी देते है ,और फिर बयान के लिए खड़ा
करते है ,, अनेकों बार पक्षद्रोही गवाह से भी यह जिरह के वक़्त , मुक़दमे में
अपराधियों के खिलाफ कई तरह के सच उजागर करवाने में कामयाब हो जाते ,है ,
और इन हालातों में पक्षद्रोही गवाही के बाद भी अपराधियों के लिए इनकी पैरवी
विधिक रूप से गले की हड्डी बन जाता है ,उन्हें सजा मिलती है ,,,
नित्येंद्र शर्मा सरकार बनाम लालचंद के मुक़दमे में अपराधी द्वारा खुद की
मालकिन की हत्या करने के चैलेंजिंग मुक़दमे में कढ़ी से कढ़ी जोड़ने की पैरवी
को लेकर काफी चिंतित रहे ,इस चेलेंज को स्वीकार किया ,गवाहों की समझाइश कर
,एक से एक कढ़ी जोड़कर मुक़दमे का , अपराधी का अपराध से संबंध तो साबित करवाने
में कामयाबी हांसिल की लेकिन इस क्रूरतम हत्या के मामले में ,, एक नौकर
द्वारा विशवास में रह रही मालकिन की हत्या करने के विश्वास के रिश्तों का
गला घंटने वाला , रेयर तो रेयरेस्ट केस साबित किया और अपराधी को फांसी की
सज़ा दिलवाई ,,, एक ने सरकारी एजेंट बनकर ,लोगों से करोडो करोड़ की धोखाधड़ी
करने के मामले में ,, फरियादी के छिन्न भिन्न बयानों की स्थिति ,होने एफ एस
एल ,, और दूसरे गवाहों का लिंक अव्यवस्थित हो जाने पर भी ,नित्येंद्र ने
इस मुक़दमे को गंभीरता से लिया ,,फरियादी की ऐतिहासिक 84 पेज की गवाही करवाई
और नतीजा मुक़दमे में अपराधी को सज़ा का मुंह देखना पढ़ा , नित्येंद्र शर्मा
कोटा में डेढ़ दशक से भी अधिक समय से ऐ डी पी सरकारी पैरोकार के रूप में
तैनात ,है ,बलात्कार ,हिंसा ,हत्या ,क्रूरतम हत्या ,गबन ,धोखाधड़ी जैसे
सैकड़ों मामलों में यह पैरोकार रहे है ,,फरियादी ,गवाह को अदालत में बिना
किसी परेशानी ,मानसिक दबाव के , ज़िम्मेदारी , ईमानदारी से तुरतं उनके
बयान कराकर उन्हें रुखसत करना ,,कई मामलों में मुक़दमे की ब्रीफिंग ,,क़ानूनी
पेचीदगियों में वरिष्ठ पुलिसअधिकारियों को ज़िम्मेदारी से मशवरा देकर ,
मुक़दमों के अनुसंधान में विधिक सहायता देना ,, इनका प्रमुख विश्वसनीय
कार्य है ,,, लगातार कोटा में पोस्टिंग रहने के कारण इनका सभी वकील साथियों
से मित्रवतव्यवहार है ,हंसमुख हर दिल अज़ीज़ होने के बावजूद भी नित्येंद्र
शर्मा की दोस्ती ,याराना ,प्यार , मोहब्बत , अदालत के बाहर , लेकिन अदालत
में मुक़दमे की पैरवी के वक़्त धुआंधार पैरवी ,धुआंधार बहस ,,क़ानूनी दलीलों
की न्यायिक निष्पक्ष ज़िम्मेदारी देखने को मिलती है ,, अदालतों में न्यायिक
अधिकारियों से भी अनेको बार विधिक टकराव होने पर भी नित्येंद्र शर्मा
विनम्र भाव से , विधिक द्रश्टान्तों के साथ ,,पैरवी करते है ,अदालते ,इनके
काम से प्रभावित भी हैं ,, यही वजह है के यह अपराधियों के खिलाफ ,वकीलों
के पक्षकारों के खिलाफ कढ़ी पैरवी करने वाले ऐ डी पी होने के बाद भी वकील
साथियों में भी लोकप्रिय है ,, नियमित पत्रावली पढ़ना , अधीनस्थ ब्रीफिंग
देखना ,,मुक़दमे में अनुसंधान के वक़्त जो कमी रही ,है उसे बयानों के वक़्त
विधिक व्यवस्था अपना कर ,पूरी करना ,, इनके स्वभाव में है , पक्षद्रोही
गवाह से अनेको बार सच उगलवाने का इनका हुनर भी जग ज़ाहिर है ,,,,, यह सब
इनके स्वभाव ,,कार्यव्यवहार , नियमित क़ानूनी अप्डेटेशन का ही चमत्कार है ,,
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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