देश में होने वाले किसी भी आपराधिक मामले में , अनुसंधान अधिकारी के फेक्ट
से अलग ,,कथित इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज़्म के नाम पर फेक्ट दिखाए ,,प्रकाशित
करे ,तो ऐसे जर्नलिस्टों को नामज़द कर उनके अनुसंधान के दौरान ,,161 सी आर
पी सी के तहत बयान लेने ,तथ्य और सुबूत लेकर ,उनका नाम गवाह की लिस्ट में
नियमित रूप से लिखना ज़रूरी होना चाहिए ,ताकि ऐसे कथित इन्वेस्टिगेटिव
जर्नलिस्ट ,,समानांतर अनुसंधान करने वाले ,,लोग ,,राष्ट्र धर्म भी निभाए और
,अदालत में जाकर अपनी बात गवाही के रूप में कहे ,मुल्ज़िम के वकीलों से
जिरह का मुक़ाबला करे ,और सज़ा दिलवाये ,,,अख्तर
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