खुद को सुप्रीमो ,,महासुप्रिमों समझने वालों ,,एक परमाणु बम से ,पूरी
दुनिया को तबाही का खौफ दिखाकर ,अपनी चौधराहट करने वालों ,हिन्दू , मुस्लिम
की नफरत के नाम पर ,एक दूसरे को मारने ,काटने ,नीचा दिखाने वालों ,,मंदिर
तोड़कर खुशियां ज़ाहिर करने ,,मस्जिद तोड़ने ,,झंडा फहराने वालों ,गीता ,क़ुरान
जलाकर खुद को महान समझने वालों ,कहाँ हो तुम ,,,बताओं तुम तो ताक़तवर हो
,फिर कोरोना से मुक़ाबला करने में तुम क्यों ख़ौफ़ज़दा हो ,,अभी भी समझो ,अभी
भी सुधरो ,तुम सुप्रीमों नहीं ,तुम महासुप्रीमों नहीं ,यह दुनिया की डोर तो
,सिर्फ एक अदृश्य शक्ति ,,जिसे कोई अल्लाह ,,कोई ईश्वर ,भगवान कहकर
स्वीकारता है ,,आज नास्तिकों ,वैज्ञानिको के सभी दावे नतमस्तक है ,,,सभी
लोग इस कोरोना महामारी के मुक़ाबिल बेबस ,लाचार है .. मंदिर के लिए तुम
लड़ते हो ,,तुम्हारी इच्छा से तुमने ही उन्हें बंद कर दिए ,,मस्जिद के लिए
तुम लड़ते हो ,तुम्हे खुद ने अपनी मर्ज़ी से अपनी मस्जिदों को दरगाहों को
लोकडाउन कर दिया ,यह खुदा की क़ुदरत है ,,यह चमत्कार है , यह तुम्हारी
,हमारी नाफ़रमानियों ,धर्म के खिलाफ अधर्म के माहौल में ,हमे धर्म के रास्ते
पर चलने का एक अलार्म है ,,तुम भी बेबस ,हम भी बेबस ,सभी लाचार ,अपनी
कोशिशों में कोरोना जंग में लगे है ,लेकिन यह अज़ाब अभी और ख़ौफ़ज़दा हो रहा है
,,, एक दूसरे को डरा धमका कर ,घरों में क़ैद करवाकर ,तुम खुश होकर अपनी
जीत का परचम लहराने वालों ,कुछ तो गुनाह ,,कुछ तो पाप तुमसे, हमसे ऐसे हुए
है ,के ईश्वर ,,भगवान ,अल्लाह ,इस आपदा ,त्रासदी ,क़हर के रूप में अपना
इन्साफ कर रहा है ,,,पाबंदियों में रहने का दुःख क्या होता है ,,कब मोत
आजाये इसका खौफ क्या होता है ,भूख क्या होती है ,डर ,बेबसी , लाचारी क्या
होती है ,यह सब आप ,हम देख रहे है ,,,बढे बढे लोग जो विश्व पर काबू करने के
लिए जंगजू है ,वोह भी आज चिढ़ी चुप ,,बेबस ,लाचार है ,आइसोलेशन में है ,,एक
मात्र राहुल गांधी ने वक़्त से पहले कोरोना की गंभीरता से ,चेताया ,,लेकिन
हमने इस मुद्दे पर न तो ससंद में बहस की ,न कोई गाइडलाइन तैयार की ,न कोई
तैयारियां की ,,बस सरकार ,गिराने ,बनाने में लगे रहे ,,ज़रा सोचो जो लोग चीख
कर राहुल गाँधी ,सोनिया गाँधी के खिलाफ अभद्र अल्फ़ाज़ों के साथ उनका
कोरोना टेस्ट करवाने लिए उत्सुक थे ,आज उन्हें में से कुछ आइसोलेशन में है
,यह क़ुदरत का क़हर है ,,अल्लाह ,भगवान ईश्वर सभी की हिफाज़त करे ,,,लेकिन आज
भी कुछ लोग दुआए नहीं कर रहे है ,सोशल मीडिया , हिन्दू ,मुस्लिम , नफरत के
नज़रिये को उजागर कर रहे है ,कुछ गिनती के लोग जो पेड़ वर्कर है ,आज भी
,उनको जैसी टिप्पणियां करने के रूपये मिलते है ,वोह वैसी ही टिप्पणियां
सामान्य पोस्टो पर भी कर रहे है ,केंद्र सरकार ने क्या पैकेज दिया ,,भविष्य
में केंद्र सरकार राज्यों को सहूलियतें देने में पीछे क्यों है ,गरीब
,मज़दूर ,किसानों ,दैनिक मज़दूरों के क्या हालात होंगे ,,मिडिया को देखिये
,,कोटा संभागीय मुख्यालय होने पर भी यहाँ कोरोना की जांच क्यों नहीं ,मरीज़
की रिपोर्ट नब्बे किलोमीटर दूर झालावाड़ से क्यों रिपोर्ट तैयार होकर आये
,इस पर कभी नहीं ,बोला ,,लेकिन मुख्यमंत्री ने खुद इस पर संज्ञान लेते हुए
,कोटा में कोरोना की जांच शुरू करवाई है ,,यह थोड़ी राहत की खबर है ,जनता
में आत्मविश्वास है ,लेकिन एक साथ थालियां बजाने के बाद झुण्ड के झुण्ड में
जो लोग निकले ,उससे खतरा बढ़ा है ,कोरोना संकट बढ़ा है फिर इकत्तीस तक जब
लोकडाउन था ,दो एक सप्ताह पहले ही ,इक्कीस दिन का खतरा बताकर ,,लोगों में
दहशत का माहौल बनाया गया है ,,,मुनाफाखोरों ,जमाखोरों की चढ़ बनी है ,,,लोक
डाउन पालना में किसी भी व्यक्ति के बाहर निकलने पर उससे पूंछे बगैर उसके
लठ मारना ,उसके सामने में समाजविरोधी हूँ की तख्ती लगाकर फोटो खिंचवाकर
वाइरल करने की अमानवीय हरकत के में खिलाफ हूँ ,,,कोई मजबूर है ,, कोई
ज़रूरतमन्द ,है , यूँ ही कोई बाहर नहीं निकलता , कुछ लोग अलग अलग जगह के
लोगों की फोटुए देते है ,सोशल मिडिया पर उपदेश देते है ,लातों के भूत बातों
से नहीं मानते ,अरे तुम भी तो बाहर निकले हो तभी तो तुमने यह हालात देखे
,,पहले अपनी गिरेहबान में झांको ,,लोगों की भूख ,अस्पताल की ज़रूरते
,,रोज़गार ,घर के खानपान की ज़रूरते देखो ,समझ जाओगे ,पुलिस को सरकार को
उकसाओ मत ,जनता के धैर्य ,संयम और जो कोरोना नियंत्रण की जंग में उनकी मदद
है ,उसे उकसाओ मत ,,यह बुरा वक़्त है निकल जाएगा ,बस सकारात्मक पोस्टें डालो
,सकारात्मक माहौल बनाओ ,,,गरीब ,मज़दूर ,किसानों को रोटी मिली या नहीं
,,इसके बारे में सोचो ,, सोशल मीडिया ,,सहित अखबारों के मोबाइल ,पतों पर
खुद स्टिंग ऑपरेशन चलाइये कितने सच ,कितने पानी में है ,देखिये ,,एक माह
का वेतन दिया जाना एक खबर हो सकती है ,,लेकिन कलेक्टर या किसी अधिकारी को
देते हुए फोटो खिचवाकर ,प्रकाशित प्रसारित करना ,,यह सोच दर्शित करती है ,,
विधायक ने ,,सांसद ने ,मंत्री ने या अधिकारी ने एक माह का वेतन दिया ,तो
सरकारी प्रेसनोट जारी हो रहा है ,,निजी सचिव सोशल मिडिया खबर बना रहे है
,राहुल गांधी ने पांच करोड़ रूपये दिए ,,प्रधानमंत्री ,,राष्ट्रपति
,केंद्रीय मंत्री सहित दूसरे लोगों ने क्या दिया ,खेर मत दो ,या दो तो
आपकी मर्ज़ी ,लेकिन अपने ज़िम्मेदारियाँ तो तरीके से निपटाएं ,इस वक़्त सभी
मिलजुलकर इस संकट से युद्ध करो ,,एक दूसरे की पीठ पर छुरा मत घोंपो ,किसी
आम आदमी की योजनाबद्ध पुलिस पिटाई ,उठक बैठक ,,सार्वजनिक अपमान को बढ़ावा मत
दो ,,ऐसे हालात बनाओ ,ऐसी समझाइशें करो के लोग ,कोरोना की गंभीरता को समझे
,ऐसे हालात बनाओ के लोग घरों पर ,मजबूर बेबस लाचार न रहे ,उन्हें रोटी
,रोज़ी आवश्यक सामग्रियां मिलती रहे , यह जो कंट्रोल रूम ,सरकारी ,गैर
सरकारी ,,इनके नम्बरो पर भी पत्रकारों से कहकर स्टिंग ऑपरेशन चलवाकर हक़ीक़त
सामने लाने कहो ,,हालात ऐसे बनाओ हर घर में राहत सामग्री पहुंचे ,कोई भूखा न
सोये ,, ज़रूरत के सामान हर घर में हो ,मज़दूरों को ,किसानों को परेशानी न
आये ,,घर घर मास्क ,सेनेटाइजर पहुंचे ,गलियों सड़को पर छिड़काव तो हो
,,,,,,,कहाँ छिड़काव ,हुआ कहाँ छिड़काव नहीं हुआ ,इसे तो उजागर करो ,,,, खेर
आत्मचिंतन करो ,,खुद से पूंछो ,,तुम कितने ही बढे हो ,कितने ही सुप्रीमो हो
,लेकिन क्या तुम खुदा से बढे हो ,,क्या तुम ,अल्लाह ,,ईश्वर से बढे हो
,,,तो फिर मान लो कोई ,है जो न हिन्दू , का है ,न मुसलमान का है ,,कोई है
,जो सज़ा देता है ,तो बिना किसी धर्म ,मज़हब के देता है ,उसकी निगाह में सब
बराबर है ,,उसे तुम भगवान कह लो ,उसे में अल्लाह कह लूँ ,उसे में मस्जिद
में जाकर याद कर लूँ ,उसे तुम मंदिर में ,गिरजा में ,गुरुद्वारे में जाकर
याद कर लो ,,वही सुप्रीमो ,है बस वही सुप्रीमो है ,,उसे मानो स्वीकार करो
,एक दूसरे के अपमान से बचो ,गलतियां हुई है ,तो तोबा करो ,माफियां मांगों
,,हिम्मत रखो ,धैर्य संयम रखो ,,,एवाइज़री का पालन करो ,,एक दूसरे के मददगार
बनों ,इंशाल्लाह सब ठीक हो जाएगा ,,क़ुदरत फिर से ज़िंदगी को पटरी पर
खुशहाली ,सह्तयाबी ,उम्रदराज़ी ,कामयाबी के साथ ला देगी ,बस दुआए करो ,दवाएं
करो ,ज़िम्मेदार बनो ,नफरत छोडो ,प्यार से एक दूसरे के मददगार हिस्सेदार
बनो ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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