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26 मार्च 2020

प्राथमिकताएं नज़र अंदाज़ करने पर ,भारत जैसी भयावह स्थिति हो जाते है

Hukam Jain Kaka ki Facebook was se hubahu ,, जब भारत में केंद्र सरकार का राजधर्म ,आम जनता को ,रोज़ी ,रोटी ,सुरक्षा ,सामजिक न्याय ,स्वास्थ्य मुहैया कराने की प्राथमिकताएं ताक में रखकर ,सिर्फ झूंठ फैलाने ,,सिर्फ अल्फ़ाज़ों की लफ़्फ़ाज़ी में लग जाएँ ,,मीडिया को अपनी झूंठ फैलाने के लिए खरीद कर ,अपनी प्राथमिकता सिर्फ सरकारें गिराने ,सरकारें बनाने ,खरीद फरोख्त कर दल बदलवाने में लग जाये ,तब कोरोना महामारी बचाव की प्राथमिकताएं नज़र अंदाज़ करने पर ,भारत जैसी भयावह स्थिति हो जाते है ,इस भयावह स्थिति के लिए पूरी तरह से सिर्फ ,और सिर्फ केंद्र सरकार ,,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे ज़िम्मेदार है ,,वोह तो धन्यवाद की पात्र है ,,राजस्थान सरकार जो इस भयावह स्थिति को पूर्व में ही समझकर ,,राजस्थान में लोकडाउन कर हालात नियंत्रित करने में जुट गयी ,बाद में केंद्र सरकार में बैठे लोगों को रस्मअदायगी के तहत ,,इस कोरोना नियंत्रण अभियान में जुड़ना पढ़ा ,विश्व जानता है ,,चीन में जब कोरोना की भयावह स्थिति थी ,,तब हमारे देश के प्रधानमंत्री ,,विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोरोना एलर्ट के बावजूद ,अपना सारा वक़्त ,देश का करोडो करोड़ रूपये ,सिर्फ अमेरिका के राष्ट्रपति ,ट्रम्प की अगवानी ,स्वागत ,सत्कार में खर्च कर रहे थे ,,कांग्रेस के राहुल गाँधी लगातार ,अपने ट्वीट के माध्यम से ,सरकार को इस कोरोना वायरस से निपटने के लिए एलर्ट कर रहे थे ,चेतावनी दे रहे थे ,लेकिन उनकी हर चेतावनी को ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,उनके मीडिया ,उनके सलाहकारों ने मज़ाक़ में लिया ,,और आज देश इनकी लेटलतीफी का नतीजा भुगत रहा है ,,लोकसभा में कोरोना से जंग के लिए की विचार विमर्श नहीं हुआ ,केंद्र सरकार ,केंद्र के मंन्त्रियों ,,प्रधानमंत्री ,,सभी का ध्यान कोरोना एलर्ट पर नहीं ,सिर्फ ,सिर्फ मध्य्प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ,विधायकों ,नेताओं की खरीद फरोख्त ,लालचबाज़ी ,मंत्री पद ,राज्यसभा पद की सौदेबाज़ी में लगा था ,इसकी पुष्टि यूँ भी होती है ,,के जब राजस्थान में लोकडाउन हो गया ,,दूसरे राज्यों ने राजस्थान का कोरोना एलर्ट कार्यक्रम का अनुसरण किया ,तब ,,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक़्त टाला ,,मध्य्प्रदेश में कमलनाथ सरकार के इस्तीफे का इन्तिज़ार किया ,फिर ,शिवराज सिंह मध्य्प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का इन्तिज़ार किया ,उसके बाद ,राष्ट्र के नाम संदेश में वोह समय टालकर ,,जनता कर्फ्यू का आह्वान किया ,देश ,देश की जनता को यह समझना होगा ,,पुरे देश के एक सो पैंतीस करोड़ लोगों को ,यूँ जोखिम में डाल देने वाले लापरवाह प्रधानमंत्री अगर राहुल गांधी के ट्वीट पर चेत गए होते ,,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन की एडवाइज़री का पालन अमेरिका राष्ट्रपति के स्वागत सत्कार को छोड़कर ,अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवाएं , भारत की सीमाएं सील कर ,,भारत को कोरोना ज़ोन सुरक्षित कर लेते , तो देश को आज यह जोखिम नहीं झेलना पढ़ता ,,देश आज आपात स्थिति संकट काल में है ,,आर्थिक संकट ,रोज़ी रोटी का संकट ,यह सब सिर्फ एक लापरवाही की वजह से है ,,इसके लिए ज़िम्मेदार नरेंद्र मोदी उनके समर्थक इस सच को समझ गए है ,और आम जनता का ध्यान हटाने के लिए पेड़ मिडिया वर्कर ,पेड़ सोशल मीडिया एक्टिविस्टों से ,कृत्रिम आंकड़े ,कहानियां गढ़कर ,,अपनी नाकामयाबी करतूतों पर पर्दा डालने के लिए ,डेमेज कंट्रोल में लगे हुए है ,ज़रा सोचिये एक प्रधानमंत्री ने देश को इस संकट काल में सिर्फ भाषण ,थाली बजवाने ,ताली बजवाने के सिवा किया दिया ,,, देश के हर राज्य को जब संकटकाल में संकट आपात बजट की ज़रूरत है ,तब देश के प्रधानमंत्री का राज्यों को कोई पैकेज नहीं , देहाडी , मज़दूरों ,,,किसानों ,गरीब परिवारों को लिए कोई तात्कालिक आर्थिक पैकेज नहीं , यह एक प्रधानमंत्री का राजधर्म था ,जो उन्होंने नहीं निभाया ,,प्रधानमंत्री को मन की बात ,राष्ट्र के नाम संदेश का बहुत शोक है ,,,जब जनता कर्फ्यू के संदेश के पहले ही राजस्थान लोक डाउन था ,राजस्थान के अनुसरण में कई राज्य लोकडाउन थे ,,देश लोकडाउन था ,तब राष्ट्र के नाम संदेश में जनता कर्फ्यू ,थाली बजाओ ,ताली बजाओ के नरेंद्र मोदी के संदेश पर कई भक्त ,जनता कर्फ्यू के बाद ख़ुशी से झूमते हुए झुण्ड बनाकर ,,सड़को पर ताली ,थाली बजाते हुए आ गए ,,नरेंद्र मोदी के इस सदेंश से देश भर के इलाक़ों में भक्तों ने खुलकर कोरोना एडवाइज़री का उलंग्घन किया ,, आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय ने फिर अचानक ,राष्ट्र के नाम संदेश में इक्कीस दिन का जनता कर्फ्यू ,का ऐलान किया ,सोचिये जब देश इकत्तीस मार्च तक ,जनता कर्फ्यू ,लोकडाउन व्यवस्था में था ,तो अचानक यह ऐलान समझदारी का प्रतीक नहीं था ,आम जनता में खोफ का वातावरण बन ,गया ,वोह तनाव में है ,,इधर इस ऐलान से ,,खाने पीने की सामग्री ,किराना सामग्री के भाव आसमान पर हो गए ,,,प्रधानमंत्री के सलाहकार अगर ज़िम्मेदार होते ,अगर वोह उनकी सलाह मानते तो ,इकत्तीस तक लोकडाउन पुरे भारत में यह संदेश ,यह घोषणा तीस मार्च को भी की जा सकती थी ,ताकि लोग तनाव में नहीं आते ,उनमे घबराहट नहीं होती , किराने व् ज़रूरी खान पान की वस्तुओं के भाव नहीं बढ़ते ,,केंद्र सरकार की तरफ से ,, राज्यों को सेनेटीआईजर ,, मास्क ,सहित आवश्यक सामग्रियां भी उपलब्ध नहीं ,कराई जो ,,लोगो तक घर घर पहुंचाए जा सकते खुद प्रधानमंत्री के भक्त जनों ने यह व्यवस्था नहीं संभाली ,क्योंकि उन्होंने ऐलान ही नहीं किया ,वर्ना भक्तगण को प्राथमिकता के आधार पर घर घर ,सेंटाइज़र ,,परिवार के सदस्यों के हिसाब से मास्क बाँटने और ,राहत सामग्री बांटने की पहल करना चाहिए थी ,,लेकिन कुछ तो सिर्फ मीडिया में ,,सोशल मीडिया में समाज की व्यवस्थाओं के खिलाफ ,समाज को गुमराह करने के प्रयासों में ,सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन गैर ज़िम्मेदाराना हरकतों को पोजेटिव तरीके से डेमेज कन्ट्रोल के रूप में पोस्टें लिखने और प्रकाशित प्रसारित करने में अपना वक़्त गुज़ार रहे है ,,,,कोरोना का यह संकट तो देश से गुज़र जाएगा ,लेकिन इस व्यवस्था से निपटने में नाकामयाबी के इतिहास में नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री काल हमेशा याद रखा ,जाएगा जबकि राजस्थान सरकार का कोरोना महामारी रोकने के लिए ,उठाये गए सार्थक ,सकारात्मक ,अनुकरणीय उठाये गए क़दम के लिए याद किया जाएगा , हुकम जेन काका ,,कोटा राजस्थान

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