वीरों की धरती राजस्थान का लाल ,,जो दिल्ली के लिए रतन बन गया ,वोह रतन लाल
,,लोगों को नफरत की हिंसा से बचाने में शहीद हो गया , रतन लाल को हर हाल
में शहीद का दर्जा तो मिलना ही चाहिए , ,केंद्र सरकार राजस्थान जहाँ से
पच्चीस सांसद भाजपा के है ,चाहे रतन लाल को शहीद का दर्जा देने में आनाकानी
,नानुकुर करे ,लेकिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संवेदनशील है,,
निश्चित तोर पर इस शहीद राजस्थान के सपूत की शहादत पर ,,इसके परिजनों की
आँखों के आंसू भी पोंछेगे ,सहायता देंगे ,,,देना ही होगी ,,,दंगाइयों
,दंगाइयों के प्रेरक ,दिल्ली में असफल केंद्र की पुलिस मुखबीरी ,,सी आई डी
,,आई बी ,आखिर कोनसे कामकाज में व्यस्त कर दी गयी थी जो अन्धो को भी दिखने
वाली दंगाइयों को उकसाने ,कुशल प्रबंधन के हालातों की जानकारी होने पर ,यह
जानकारी एजेंसियों को नहीं रही ,,और पूर्व जानकारी एजेंसियों ने
ज़िम्मेदारी से सरकार तक नहीं पहुंचाई, अगर केंद्र सरकार के पास दिल्ली की
नियंत्रित पुलिस के प्रबंधन ,दिल्ली की जनता को उकसाने ,भड़काने वालों की
पूर्व सुचना पहुंची भी तो फिर यह लापरवाह क्यों रही ,दिल्ली केंद्र सरकार
का गृहविभाग क्या करता रहा यह एक सोचने की बात है ,, दिल्ली को सुलगाने के
प्रयास कई दिनों से गिनती के लोग ,,बयानबाज़ी करके ,लोगों को एकत्रित कर
न्यूसेंस करके ,करते रहे ,लेकिन दिल्ली पुलिस ,,दिल्ली को नियंत्रित करने
वाली केंद्र सरकार के गृहमंत्रालय ने कोई सुध नहीं ली ,ऐसे लोगों को
,राजद्रोह या दंगा भड़काने के प्रयासों के आरोपों में जेल की सीखंचों में
नहीं डाला ,नतीजा सामने है ,दिल वालों की कही जाने वाले दिल्ली का एक
हिस्सा ,नफरत की हिंसा में भड़क रहा है ,यहां ,मोहब्बत का माहौल नफरत ,फसाद
में बदल गया ,,करोड़ो करोड़ रूपये की सम्पत्ति जला कर राख कर दी गयी ,,नो
लोगों की मोत हुई ,,हमारे राजस्थान के रतन लाल हेडकोनिस्टेबल को शहीद होना
पढ़ा ,,एक आई पी एस अधिकारी गंभीर हालात में अस्पताल में इलाज करवा रहे है
,डेढ़ सो से भी अधिक लोग अस्पताल में तड़प रहे है ,,अमेरिका के राष्ट्रपति
ट्रम्प के सामने भारत की तस्वीर ,,नफरत और हिंसा की पहुंची है ,,,गांधी के
भारत में नफरत और हिंसा की खबरें ट्रम्प को भी सुन्ना पढ़ी है ,, मुझे गर्व
है गौतम गंभीर की निष्पक्षता पर जो उन्होंने निष्पक्ष होकर राष्स्ट्रहित
में एक सच बयान करते हुए कपिल मिश्रा के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करने
का साहस किया है ,लेकिन क्या अपने ही सांसद गौतम गंभीर की इस गंभीरता को
,,भारत सरकार के ऐसे लोग जो खुद चुनावों में अमर्यादित रहे ,, इस बयान को
,इस मांग को गंभीरता से लेंगे ,,,कपिल मिश्रा ही नहीं ,शाहरुख ही नहीं ,जो
भी इस हिंसा की पूर्व तैयारियों ,पूर्व हालात बनाकर उकसाने के लिए
ज़िम्मेदार है ,,ऐसे सभी लोगों को इमानदारी से ,विडिओ फुटेज ,सुप्रीमकोर्ट
के जज के नियंत्रण में एक कमेटी के सामने रखकर ,ऐसे सभी लोगों को नामज़द कर
,, तलाश कर ऐसा सबक़ ,,सिखाना ज़रुरी है ,,ताके देश भर में एक कठोर संदेश ऐसे
नफरतबाज़ों तक पहुंचे ,ऐसे लोगों ने सीमावर्ती इलाक़ा ही क्यों इस हिंसा के
लिए चुना यह भी जांच का विषय होना चाहिए और बाहरी लोग कोन इस हिंसा में
शामिल हुए है ,चेहरे बेनक़ाब होना चाहिए ,, दिल्ली तो मजबुर है क्योंकि यहां
पुलिस ,,दिल्ली सरकार के हाथ में नहीं ,केंद्र सरकार के गृहमंत्रालय के
हाथों में है ,लकिन राज्यों के और इलाक़ों में ,,ऐसे लोगों की रिपोर्ट सी आई
डी ,,आई बी और दूसरी गुप्तचर एजेंसियों से लेकर उन्हें अभी से निगरानी में
लेना ज़रूरी है ,,जो भी अल्फ़ाज़ों से ,भाषणबाज़ी से ,आंदोलन से ,लोगों को
उकसाकर ,भड़काकर ,,हिंसा के लिए ज़िम्मेदार है उसके खिलाफ हर हाल में
कार्यवाही ज़रूरी है ,क्या अमित शाह ,,क्या आदरणीय नरेंद्र मोदी साहिब ,अपना
पराये का भेद भुलाकर राजधर्म निभाने की हिम्मत करेंगे ,खुद अपने ही पूर्व
बयानों को दुबारा सुनकर ,अगर उन्हे लगता है वोह बयान भी इस हिंसा के लिए
ज़िम्मदारी का एक हिस्सा है ,तो क्या वोह देश से मांफी मांगेंगे ,इस्तीफे की
बात तो में करूंगा नहीं ,क्योंकि वोह इज़्ज़तमआब ,,है निर्वाचित है ,,लेकिन
राजधर्म ,राजधर्म ,यह सोचकर यह देश सभी का है ,यह देश शांत रहेगा ,यहां
मोहब्बत रहेगी ,तो तरक़्क़ी भी होगी ,सुकून भी ,,,होगा ,मेरा भारत महान भी
होगा ,,सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान भी हमारा ही था ,रहेगा और होगा
,,,,इंशा अल्लाह होगा ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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