अभी बहुत कुछ बाकी है,
अभी हिन्दोस्तान ज़िन्दा है
नफ़रतों तुम इधर न आओ
मुल्क़ का अम्न ओ अमान अभी ज़िन्दा है,,
कितनी ही बुरी बातें,
तुम फैलाते रहे हो पर फिर भी
भारत की रूह में कुछ इंसान ज़िन्दा है,,
अभी हिन्दोस्तान ज़िन्दा है
नफ़रतों तुम इधर न आओ
मुल्क़ का अम्न ओ अमान अभी ज़िन्दा है,,
कितनी ही बुरी बातें,
तुम फैलाते रहे हो पर फिर भी
भारत की रूह में कुछ इंसान ज़िन्दा है,,
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