किसी भी पार्टी , पार्टी के नेता , ज़मीन पर रहकर जब कार्यकर्ताओं से सीधे
मिलते है , तो फिर चुनाव में जीत कर सत्ता में आ जाते है , लेकिन यही नेता ,
सत्ता में मदमस्त होकर , कुर्सी मिलते ही , कार्यकर्ताओं से मिलते नही ,
सिर्फ दिखते है , वोह भी टी वी पर , या फिर कार्यक्रमों में सुरक्षा
कर्मियों , किराए के बाउंसरों की सुरक्षा में , या चमचे , चापलूसों के साथ ,
तो फिर यही कुर्सी पर बैठ कर इतराने वाले लोग , चुनाव में ज़मीन पर गिरकर
धूल चाटते है , शायद यही है , हार जीत का फार्मूला , इसलिए सुधरो , जीतो
सिर्फ जीतो का फार्मूला अपनाओ , कार्यकर्ताओं को दिखो मत , सुरक्षा
कर्मियों से धक्के मत दिलवाओ , अपमानित मत करवाओ , उनसे मिलो , उनके दुख
दर्द जानो , सुझाव लो , इंशाअल्लाह जीत फिर जीत , लगातार जीत आपका इन्तिज़ार
कर रही है , अख्तर

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