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17 दिसंबर 2019

देश के रक्षक ,देश के संविधान को बचाने वालों की संख्या सिर्फ बीस प्रतिशत ही क्यों न हो ,लेकिन

देश के रक्षक ,देश के संविधान को बचाने वालों की संख्या सिर्फ बीस प्रतिशत ही क्यों न हो ,लेकिन हमे इस देश पर फख्र है ,के यहाँ हर मुसीबत में ,गंगा जमुना तहज़ीब के तहत ,हर वर्ग दूसरे वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा मिलता है ,अंग्रेज़ो के वक़्त भी जब लोग माफ़िये मांग रहे थे ,सरकारी गवाह बनकर ,आज़ादी के आंदोलन में लगे स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी चढ़वा रहे थे ,तब भी आंदोलनकारी बीस प्रतिशत ,अंग्रेज़ों से संघर्ष कर रहे थे ,उस वक़्त देश ,देश की संस्कृति देश के आज़ादी बचाने का सवाल था ,आज देश के संविधान को बचाने का प्रश्न है ,देश के संविधान से जो प्यार करते है ,वोह बीस प्रतिशत लोगों के साथ है ,जो देश के संविधान से नफरत करते है ,देश के संविधान की मूल आत्मा को मार देना चाहते है ,हत्या कर देना चाहते है ,वोह चाहे ,खिलखिला ले ,मुस्कुरा ले ,, इस आंदोलन का मज़ाक़ उढ़ा ले ,आंदोलनकारियों को फांसी पर चढ़ा दे ,गोली से उढ़ा दें ,लेकिन देश के प्रति उनका प्रेम ,देश के संविधान की मूल आत्मा को संरक्षित करने का उनका जज़्बा ,देश बचाने का उनका जज़्बा तुम कम नहीं कर सकते ,तुम कहते हो ,अस्सी प्रतिशत पक्ष में है ज़रा झाँक कर देखो अपने गिरेहबान में ,चलो तुम लालकृष्ण आडवाणी ,,तुम तुम्हारे मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ,तुम्हारे रिश्तेदार शाहनवाज़ खान ,,तुम्हारे राजनाथ सिंह ,मुरलीमनोहर जोशी , वसुंधरा सिंधिया ,,गडकरी ,नजमा हेपतुल्ला से अंतरात्मा की आवाज़ पूंछ लो ,में शानवाज खान ,मुख़्तार अबबास नक़वी की तो गारंटी नहीं ले सकता क्यूंकि उनके दिल तो सियाह हो चुके है ,,लेकिन यह जो लोग है यक़ीनन इस आगजनी के लिए संविधान तोड़कर उकसाने की कार्यवाही के खिलाफ है ,,,खुद तुम्हारे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इनिडविजुअल राय ले लीजिये ,,,सिर्फ दो आदमी इस देश पर हिटलर बनकर अपनी विचारधारा थोप रहे है ,,कुछ लोग है जो ख़ौफ़ज़दा है जो तुम्हारी हाँ में हाँ मिला रहे है ,,वर्ना आज भी तुम भूख ,गरीबी ,बेरोज़गारी ,आर्थिक तंगी , महँगाइ , जमाखोरी , भ्राष्टाचार से लड़ने की बात नहीं करते ,तुम्हारे अन्ना वही अन्ना जो खुद को गाँधीवादी हज़ारे कहते है ,,जिनके कंधो पर गुमराह कर तुम सरकार तक पहुंचे वोह चुप है ,खामोश है ,,उनकी ज़ुबान तुमने छीन ली है तुम्हारे लालचों की वजह से वोह चाहे अब तक चुप है ,लेकिन चलिए उनके साथ मिलकर इस मामले पर मोदी जी ,अमितशाह जी ,प्रेसकॉन्फ्रेंस में उन्हें खुला छोड़ दीजिये ,बिकाऊ मीडियाकर्मियों को अलग कर दीजिये राष्ट्रभक्त मीडियाकर्मियों को सवाल पूंछने दीजिये ,सच सामने आ जाएगा ,इसलिए देश को जलाओ मत ,देश को बचाओ ,,अरे कुर्सी के लिए इतना मत गिरो ,देश को उठाओ ,,देश के हालातो को सुधारो ,,फिर तुम्हारी मर्ज़ी यह देश तुम्हारे बाप का तो नहीं ,हमारा अपना है , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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