महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार नहीं बन पाने से कुछ गुलाम पेड़ न्यूज़ ,चैनल
,छाती कूट रहे है ,,चैनल के संवाददाता ,कथित रूप से खुद को बढ़ा पत्रकार
कहने वाली चापलूस भाजपा के अघोषित मिडिया एक्ज़ीक्युटिव प्रवक्ता बने
पत्रकारों का तो गुस्सा सातवे आसमान पर है ,उन्हें नैतिकता , गठबंधन ,धर्म
,,जनता का मेंडेट याद आ रहा है ,,यह वही मीडिया है ,,जो ,कर्नाटक में
लोक्तन्त्र की हत्या ,मजोरम ,मेघालय ,,गोआ में मेंडेट के खिलाफ मनमानी
,हरियाणा में लपक कर बाप को जेल से रिहा संयोग के साथ विरोधाभासी बेमेल
गठबंधन पर ख़ामोशी की खबरें थी ,सरकारे अव्यवहारिक ,अलोकतंत्रीक तरीके से
बनने पर ,चटखारे की खबरे थी ,,मोदी है तो मुमकिन है के नारे थे ,अब यही लोग
शिवसेना से वायदा कर नहीं निभाने वाली भाजपा के तिरस्कार के बाद ,,शिवसेना
की सरकार बनने पर ,नैतिकता की दुहाई देकर ,सवालों की झड़ी लगा रहे है
,,,बात साफ है ,यह मीडिया कर्मी जो अघोषित भाजपा के एक्ज़ीक्युटिव की तरह
काम कर रहे है ,उन्हें भाजपा का यूँ हारना हज़म नहीं हो रहा ,है ,उन्हें
लग रहा है ,उनकी नौकरी खतरे में है ,,शायद इसीलिए अब सरकार बनते ही
,शिवसेना ,कांग्रेस ,ऍन सी पी में विवादों को कैसे बढ़ाकर हवा दी जाए ,,सी
बी आई ,प्रवर्तन निदेशालय ,आयकर विभाग ,केंद्र के और भी कई विभागों की जद
में खिलाफ रहे विधायक ,सांसदों ,रणनीतिकारों को कैसे घेरा जाए ,,उनके
मानमर्दन के लिए गढ़े मुर्दे उखाड़ कर ,,ऐसे विधायकों ,मंत्री बनने वाले
लोगों के कच्चे चिट्ठे सो कोल्ड तरीके से कुप्रचारित कर कैसे उनकी छवि
बिगाड़ी जाए ,उनकी हैसियत ,बिगाड़कर कैसे उन्हें हतोत्साहित किया जाए ,,शायद
प्लान बी ,इन ज़र खरीद कर्मचारियों का अब यही है ,देख लेना ,वक़्त आगे आगे और
यही घटनाक्रम पीछे पीछे ,,आ रहा है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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