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11 नवंबर 2019

चुनौतियां केसी भी हों ,,हालात कितने ही विषम हो ,लकिन समन्वयित प्रशासन ,,संवेदनशीलता ,भरोसा ,एक ऐसा मंत्र है जो हर मुश्किल हँसते हँसते पार कर देता है

चुनौतियां केसी भी हों ,,हालात कितने ही विषम हो ,लकिन समन्वयित प्रशासन ,,संवेदनशीलता ,भरोसा ,एक ऐसा मंत्र है जो हर मुश्किल हँसते हँसते पार कर देता है ,,यह साबित कर दिया है ,कोटा के कलेक्टर ओम प्रकाश कसेरा ,पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव की जुगल जोड़ी प्रशासनिक क्षमता ने ,,जी हाँ ,कोटा में जिसे संवेदनशील ज़ोन कहा जाता ,,है ,वहां आज ,,सुख ,,,,शांति ,भाईचारा ,सद्भावना ,और धार्मिक जुलूसों के अधिकार के साथ प्यार मोहब्बत जो क़ायम है ,वोह चुनौतीपूर्ण हालातों में भी इस जुगलजोड़ी के प्रशासनिक समन्वय , आत्मविश्वास ,,बेहतर प्रबंधन का ही नतीजा है ,,एक बढ़ा फैसला भी आया ,,ईद मिलाददुन्नबी का जुलुस ,जलसा ,,हज़ारों हज़ार की तादाद में भी सम्पन्न हुआ ,, कोचिंग की छुट्टी का इस्तेमाल ,,मोटिवेशन सेशन से हुआ ,यह चमत्कार है ,हालातों को काबू में करना ,मुश्किल है ,लेकिन नामुमकिन नहीं ,यह इन दोनों कलेक्टर ,एस पी ने साबित कर दिखाया ,,कई जगह पर ईद मिलाददुन्नबी के जुलुस ,जलसों पर रोक रही ,लेकिन कोटा में ,विज्ञाननगर ,वक़्फ़नगर ,,कोटड़ी ,,छावनी ,रंगतालाब ,स्टेशन सहित कई इलाक़ों में हज़ारों हज़ार की तादाद में जुलुस निकाले गए ,,फिर शहर का सबसे बढ़ा जुलुस ,,,,,,,,,,,,,ईद मिलाददुन्नबी की सीरत का भी निकाला गया ,,प्रशासन ने भरोसा कर ,आयोजकों को जुलुस की ज़िम्मेदारी दी थी रो आयोजकों ने भी ,,जुलुस में शामिल भीड़ ने भी इस भरोसे को क़ायम रखा ,, प्रशासन मोबाइल ,वायरलेस ,मुखबिरी प्रणाली पर चप्पे चप्पे पर नज़र रखे हुए था ,,लेकिन कोचिंग की छुट्टी थी ,,रविवार था ,सो इस दिन कोचिंग छात्र छात्राओं को मोटिवेट करने , उनमे आत्मविश्वास जाग्रत करने , निराशा का माहौल ,सकारात्मक उम्मीद में बदलने ,,उनके दुखदर्द ,तकलीफें बांटने के लिए इस जुगल जोड़ी ने बेहतर इस्तेमाल किया ,मिसाल क़ायम की ,हालांकि ,,कोटा ,,कलेक्टर ,पुलिस अधीक्षक को , कोचिंग प्रबंधन ,उनके हालात ,छात्र छात्रों ,अभिभावकों से उनके व्यवहार की गोपनीय रिपोर्ट तैयार करना भी ज़रूरी है ,क्योंकि जो दिखता है वैसा शत प्रतिशत नहीं है ,,हालत बिगड़े हुए भी है ,हालात शोषण के भी है ,, नियम विरुद्ध भी है ,,,लेकिन विज्ञापनों के लिबास में हर ऐब ढक दिया जाता है शोपीस दिखावटी कल्याणकारी कार्यक्रमों में बच्चों की आह दबा दी जाती है ,,खेर जो भी हो ,इसके लिए आगे बालकल्याण समितियों के साथ मिलकर आकस्मिक दौरा भी होना चाहिए ,,, फिर भी कोटा कलेक्टर ओम प्रकाश कसेरा ,,पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव का ,सराहनीय प्रबंधन ,,,सराहनीय संवेधशीलता ,सराहनीय कोचिंग छात्र छात्रों के प्रति मोटिवेशन के लिए धन्यवाद ,,आभार ,मुबारकबाद ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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