चलो ,चुनाव ,उप चुनाव हो गए ,नतीजे भी 24 आ जाएंगे जो जग ज़ाहिर है ,बहुत
हुआ अब तो अलग से ,अलग हटकर ज़रा ईमानदारी से समीक्षा हो जाए ,पुनर्विचार हो
जाए ,रुका हुआ पानी है ,उसे थोड़ा गंदा हो जाने से बदलना होगा ,ज़रा नए पानी
को भी आज़माया जाए ,अनुशासन का डंडा छोटा हो या बढ़ा हो ,नहीं पहले बढ़ों के
खिलाफ निर्भीकता से उठाया जाए ,, जो हुआ सो हुआ ,इससे बुरा नहीं होगा ,जो
भी दो महीने अपने विचार खुले रूप से बगावत के बता चूका है उन्हें घर का
रास्ता बताया जाए ,ब्लेकमेलिंग करने वालों की पार्टी में
जगह नहीं होना चाहिए , एक बार जो होना होगा जो हो जाए बस अनुशासन का डंडा
चलाया जाए ,, पार्टी के जो भी पदाधिकारी हो उनके लिए अपने घर , अपने
कार्यालय में सरकारी कर्मचारी की तरह ,पुरे सप्ताह के पांच दिन ,,बिना किसी
सिफारिश ,बिना किसी पर्ची के ,कार्यकर्ताओं से मिलने का हुकम दिया जाए
,, हर चीज़ का रजिस्टर हो ,समीक्षा हो ,शिकायत और उसके निराकरण की समीक्षा
हो ,ज़िले के ,प्रदेश के प्रभारियों की लिखित रिपोर्ट हो उनके चिंतन मंथन के
लिए क्रॉस वेरिफिकेशन के प्रावधान हो ,ज़िलों में नियमित मंत्रियों , सांसद
,विधायकों ,पूर्व सांसद ,विधायकों की उपस्थित रजिटर रखा जाए ,उनसे
उपस्थिति करवाई जाए ,आम लोगों तक उनकी अप्रोच की समीक्षा की जाये ,,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)