आपका-अख्तर खान

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23 जुलाई 2019

,तुमसे तो पुरे समाज को कोई उम्मीद रही नहीं

तुम राजस्थान के नो विधायक हो ,,तुम हो तो भी किस काम के ,तुम नहीं होते तो भी हमारा क्या बिगड़ जाता ,तुमसे तो पुरे समाज को कोई उम्मीद रही नहीं ,,अब समझ में आया तुम नहीं भी होते तो जो होता रहा है इससे ज़्यादा ,,कोई नुकसान नहीं हो पाता ,,खेर में मुद्दे की बात पर आता हूँ ,,बढे बढे लोग है आप ,निर्वाचित लोग है आप ,,आठ तो हमारी ख्वाहिशों ,,हमारी ज़रूरतों ,हमारे मुस्तक़बिल की मुहाफ़िज़ पार्टी के हो ,और एक आप है जो राजस्थान में नहीं तो उत्तरप्रदेश में हमारी ,,दलितों की मुहाफ़िज़ पार्टी के हो ,हमे फख्र है आप सभी पर ,लेकिन अफ़सोस है इस बात पर के आप हमारे लिये ,,अपने इन भाइयों के लिए ,जिनके वोटों के सहारे आप यहाँ पहुंचे ,जिन भाइयों के समाज का होने से आपको आपकी पार्टी ने टिकिट देकर आरक्षित यानी सो कोल्ड आरक्षित कोटे में आपको इस मुक़ाम पर पहुंचाया ,,एक को तो हुकूमत में ,,दिखावटी तोर पर ही सही ,,लेकिन हमारे हुक़ूक़ की नुमाइंदगी भी दे डाली ,,इज़्ज़तमाब मेरे भाइयों ,,मेरे इन भाइयों के सलाहकारों ,,में बात सच्ची लेकिन कड़वी कर रहा हूँ ,,मुझे सजा मिलेगी ,बराबर मिलेगी ,पहले भी मुझे सच बोलने ,सच लिखने की सजाये मिलती रही है , लेकिन जो खुदा से डरते है वोह किसी से क्या ख़ौफ़ज़दा होंगे ,,हाँ कुछ लोग सच में बढे ,सच में पुरखुलूस है ,,जो मेरे अल्फ़ाज़ों के ज़रिये ज़मीर को तलाशते है और सच को स्वीकार कर ,अपनी गलती मानकर ,अपने फ़र्ज़ को अंजाम देने में लग जाते है ,,में माफ़ी चाहता हूँ ,इस सूबे में जहाँ हमारे हुक़ूक़ों की मुहाफ़िज़ मिजाज़ की सरकार है ,इस हुकूमत में जहाँ आप अल्लाह के हुक्म से ,हमारे हुक़ूक़ों को बचाये रखें ,उनकी आवाज़ उठाने के लिए ज़िम्मेदार बनाये गए हो ,,फिर तुम क्यों किसलिए डरे हुए हो ,क्यों दिखावा कर रहे हो ,क्यों सच्चाई को उजागर करके हमारी नुमाइंदगी करने वाली सरकार के मुहाफ़िज़ के पास एक जुट होकर हमारे मिसाइलों पर बात नहीं करते ,क्यों डरते ,हो क्यों घबराते हो ,,,अपना ज़मीर टटोलो ,,हमसे अपना हक़ तो वोटो के रूप में बहुत ले लिया ,अब प्लीज़ हमारे लिए ,हमारे इदारों के लिए ,हमारे बच्चों के लिए ,बेटियों के लिए अपने फराइज़ों को भी तो अंजाम दीजिये ,,आपने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की होगी ,आगे भी करोगे ,लेकिन कहाँ है वोह कोशिशे ,कहाँ है इन कोशिशों के नतीजे ,,आप खुद आप खुद अपनी हुकूमत से हमारे लिए ,हमारे हुक़ूक़ ,इन्साफ के लिए बात नहीं कर सके ,,चलिए आप खुद बताइये आपने हमारे हुक़ूक़ ,मोब्लिचिंग ,,पुलिस ,,जेल अभिरक्षा में पुलिस पिटाई से हत्या ,,उर्दू निदेशालय खोलने ,उर्दू जुबांन के उस्तादों की गिनती कम होने ,,स्कूलों में ख़ास तोर पर उर्दू के दस बच्चे होने पर उर्दू पढ़ाने ,उर्दू को तवज्जो देने , उर्दू एकेडमी ,,मेवात बोर्ड ,बिखरा हुआ ,टुटा हुआ ,बदनाम सा ,अल्लाह कोई राह में दी गयी सम्पत्ति की हिफाज़त में नाकाम वक़्फ़ बोर्ड के लोगों के खिलाफ ,आधे अधूरे वक़्फ़ बोर्ड को पूरा करने के लिए ,, आपके अपने समाज के हुक़ूक़ों की हिफाज़त के लिए बनाये गए अल्पसंख्यक आयोग बनाने , मदरसा बोर्ड बनाने ,,मदरसों के बच्चों के कल्याण ,उनकी सुरक्षा ,उन्हें पढ़ाने वाले उस्तादों का मासिक भत्ता बढ़ाने ,,उन्हें सरकार में स्थाई करने ,,और दूसरे पढ़ाने वाले लोगों के मुक़ाबिल भत्ते देने के लिए कोई मांग उठाई ,क्या ,सच बताना ,आपने अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम ,अल्पसंख्यक जिला कार्यालय ,पन्द्रह सूत्रीय कल्याणकारी बैठकों को मज़बूती देने ,अपने लोगों को दूसरे इदारों में प्रतिनिधित्व देने ,शिक्षा ,साक्षरता ,,मेवात बोर्ड ,,सड़कों पर निहत्थों को मारने के खिलाफ , कोटा में रमज़ान खान के जेल अभिरक्षा में पुलिस पिटाई से होने वाले मोत सहित दूसरी होने वाली मौतों के बारे में क्या एक अलफ़ाज़ भी ,क्या एक सवाल भी विधानसभा में आपने उठाया ,,क्या अपने हुकूमत से आँखों में आँखें डालकर एक बार भी किसी ज़िम्मेदार से अपने भाइयों के हुक़ूक़ों की सलामती ,उनके इन्साफ के लिए कोई बात उठाई ,,पत्र लिखना ,थाने फोन करना ,अपने पसंद के अधिकारी लगा लेना यह आपकी अपने ज़रूरत आपकी अपनी ख्वाहिश हो सकती है ,क्या आपने ज़िलों में मस्जिदों , मदरसों ,वक़्फ़ सम्पत्तियों के हालात देखे है ,कोटा में अल्पसंख्यक विभाग का छोटे से भी छोटा सा कमरा देखा है ,,,क्या अपने अपने लोगों का प्रतिनिधित्व दूसरे इदारों में चेरयमैन ,सदस्यों में देखा है ,क्या अपने हाल ही में हुई नियुक्तियों ,भविष्य में होने जा रही निययुक्तियों में अपने लोगों की प्रतिशतता के आधार अपर नियुक्तियां देखी है ,वोह तो कोटा में एक शान्तिधारीवाल है जो ऐसे मामलों को वक़्फ़ सम्पत्तियों पर विकास कार्य करवा कर ,,नियुक्तियों में थोड़ा बहुत सामजस्य बिठाकर ,,अपने लोगों को थोड़ा साथ लेकर चल निकलते ,है लेकिन आप खुद सोचिये , बताइये ,,श्वेतपत्र जारी कीजिये ,अल्लाह ने आपको हुकूमत की आँखों में आँखे डालकर ,सूबे की सबसे बढ़ी पंचायत में लिखित में ,हमारे बिगड़े हालातों के कारण ,उन्हें सुधारने के सुझावों को लिखकर जवाब तलब करने का मौक़ा दिया ,क्या आपमें से एक दो को छोड़कर बाक़ी ने यह ज़िम्मेदारी निभाई ,,,सच बताना निभाई है ,तो हमारी गलत फहमी सुबूत के साथ बताकर दूर कीजिये ,,श्वेत पत्र जारी कीजिये ,,क्योंकि पुरे सूबे के लोगों ने अख़बार पढ़े है ,विधानसभा की कार्यवाही देखी है ,और वक़्फ़ बोर्ड , मदरसा बोर्ड ,उर्दू ,उर्दू शिक्षक ,मस्जिदों के रुके पढ़े मरम्मत कार्य, विकास कार्यों में रुकावट ,आधिकारिक ज़ुल्म ज़्यादती की कहानी ,हिरासत में मोत ,मोब्लिचिंग ,सरकारी ,संगठन ,सहित कई इदारों में प्रतिनिधित्व में आटे में नमक ,या कई बार आटा बेनमक देखा है ,,तो भाइयों ,मेरे हुक़ूक़ों के महुआफिज़ ,मेरे हुक़ूक़ों की आवाज़ उठाने के लिए अल्लाह के ज़रिये मिले इनाम को आप हमारे लिए भी खर्च कीजिये ,सरकार की आँखों में आँखे डालिये एक साथ तुम लोग बैठिये ,कुछ दूसरे लोगों को भी अपने साथ शामिल कीजिये ,,आप सूरज है ,लकिन हर बार सूरज को अब कलियुग में दिए की रौशनी की ज़रूरत ही है ,,,मेरा तो नुकसान हो जाएगा ,,होजाये तो होने दो लेकिन प्लीज़ ज़रा ज़मीर से पूंछो ,ज़रा अपने इरादे बदलो ,, दिलों में हमारे इन हालातो के लिए रहम लाइए ,,दिमाग में इन हालातों से हमे बचाने के लिए कार्ययोजना लाइए ,,,अपने अंदर ,एक हौसला एक ताक़त लाइए ,,ला इलाहां ,इल्ललाह मोहम्मदुर्रसूलअल्लाह ,नहीं है कोई अल्लाह के सिवा और मोहम्मद स अ व उसके रसूल है ,आप यह सब जानते है फिर डर केसा ,यह जो इज़्ज़त ,है यह जो हुकूमत है अल्लाह की ही दी हुई है ,उसकी मख्लूक़ के बारे में सोचिये ,,अपने लोगों के बारे में जो बहुत बहुत प्रताड़ित है उनके बारे में ख़याल कीजिये ,,,मोहब्बत का पैगाम दूसरे भाइयों के साथ बनाइये ,उन भाइयों को भी अपनी तकलीफ ज़रूरतें समझाइये ,उनसे भी अपने भाइयों के लिए मदद कीजिये ,उन में भी कोई अगर मोब्लिचिंग ,पुलिस ज़ुल्म ,हिरासत में मोत के शिकार है तो उनकी भी आवाज़ उठाइये ,उनकी तरक़्क़ी ,उनकी फ़लाह बहबूदगी की आवाज़ उठाइये ,लकिन यह आवाज़ पहले अपने घर से अपने भाइयों से शुरू कीजिये जनाब ,,माफ़ कीजियेगा ,हो सके तो माफ़ कीजियेगा ,वरना में तो खतावार हूँ हर बार सच बोलने के इलज़ाम में निकाला जाता हूँ ,,सज़ा पाता हूँ आदतन अपराधी हो ,सज़ा देना चाहो तो दे देना सलाह लेना चाहो तो ले लेना ,,,साथ देना चाहो तो दे देना ,,साथ लेना चाहो तो ले लेना ,, गुस्सा कर लेना ,,लेकिन प्लीज़ इस बार खामोश रहे कोई बात नहीं अभी ज़िंदगी बाक़ी है कल से फिर हुक़ूक़ों की आवाज़े लिखित में सवालिया अंदाज़ में मुनज़्ज़म तरीके से ,सूबे की सब से बढ़ी पंचायत में ज़रूर उठाना ,ऐसा न हो के सूबे की सबसे बढ़ी पंचायत के पंच बनने का शर्फ हांसील करने के बाद भी ,आप पर आपकी पंचायत का सदर ,शिकायतन अंदाज़ में एक भी सवाल नहीं पूंछने का इलज़ाम लगाए और वोह खबर आपके नाम के साथ अख़बारों की सुर्ख़ियों में हमारी शर्मिंदगी का बाइस बने ,,आप हमारी आँख ,,,हमारी नाक हो ,,इसे प्लीज़ सलामत रखिये ,अल्लाह ने मुहाफिज़ी दी है ,उसे जाया मत जाने दे ,,,प्लीज़ ,,ज़ाया मत जाने दें ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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