आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

10 अक्तूबर 2018

जादूगर लोग सजदे में (मूसा के सामने) गिर पडे़

अलग़रज जब सब जादूगर आ गये तो जादूगरों ने फ़िरऔन से कहा कि अगर हम ग़ालिब आ गए तो हमको यक़ीनन कुछ इनाम (सरकार से) मिलेगा (41)
फ़िरऔन ने कहा हाँ (ज़रुर मिलेगा) और (इनाम क्या चीज़ है) तुम उस वक़्त (मेरे) मुक़र्रेबीन (बारगाह) से हो गए (42)
मूसा ने जादूगरों से कहा (मंत्र व तंत्र) जो कुछ तुम्हें फेंकना हो फेंको (43)
इस पर जादूगरों ने अपनी रस्सियाँ और अपनी छडि़याँ (मैदान में) डाल दी और कहने लगे फ़िरऔन के जलाल की क़सम हम ही ज़रुर ग़ालिब रहेंगे (44)
तब मूसा ने अपनी छड़ी डाली तो जादूगरों ने जो कुछ (शोबदे) बनाए थे उसको वह निगलने लगी (45)
ये देखते ही जादूगर लोग सजदे में (मूसा के सामने) गिर पडे़ (46)
और कहने लगे हम सारे जहाँ के परवरदिगार पर इमान लाए (47)
जो मूसा और हारुन का परवरदिगार है (48)
फ़िरऔन ने कहा (हाए) क़ब्ल इसके कि मै तुम्हें इजाज़त दूँ तुम इस पर इमान ले आए बेशक ये तुम्हारा बड़ा (गुरु है जिसने तुम सबको जादू सिखाया है तो ख़ैर) अभी तुम लोगों को (इसका नतीजा) मालूम हो जाएगा कि हम यक़ीनन तुम्हारे एक तरफ़ के हाथ और दूसरी तरफ़ के पाँव काट डालेगें और तुम सब के सब को सूली देगें (49)
वह बोले कुछ परवाह नही हमको तो बहरहाल अपने परवरदिगार की तरफ़ लौट कर जाना है (50)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...