आदरणीय प्रधानमंत्री साहिब का मज़ाक़ देखिये ,,समझिये ,एक रूपये में से सो
पैसे जनता तक पहुंच रहे है ,अरे रूपये का अवमूलयन कर ,,रूपये की क़ीमत तो
खुद की नीतियों ने आधी कर दी ,अब आधा रुपया जनता तक पहुंचने के मामले में
सही पहुंच रहा है या नहीं ,जांच के लिए लोकपाल अब तक चार सालों में भी नहीं
बनाया ,,, भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस द्वारा रोज़ आपकी सरकार के नुमाइंदे
जनता की शिकायत पर पकड़े जा रहे ,है ,हाँ रुपया पूरा सो पैसे सहित ,आपके नाम
की चीख पैदा करने वाले उद्योपतियों ,अख़बार ,टी वी चैनल वालों
,,विजय माल्या ,,नीरव मोदी ,राफेल के सौदागरों तक ज़रूर पहुंच रहा है बल्कि
एक रुपया में से सो पैसे नहीं ,,एक रुपया के लाखों पैसे बनकर उनके पास
पहुंच रहे है ,वैसे रूपये के लाखों पैसे कैसे बनाकर पहुंचाये जाते है इस
मामले में भतीजे शाह साहब से फार्मूला लेकर अगर देश के बेरोज़गारों को दे
देते तो वोह भी इस फार्मूले का इस्तेमाल कर ईमानदारी से ही अरब पति बन
जाते ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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