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25 अगस्त 2018

क्या एक बार फिर आप लोकतंत्र सेनानी बनाकर ओरिजनल राष्ट्रभक्तों की आवाज़ बनेंगे

दोस्तों आप हम सभी जानते है ,आपात काल बंदियों को लोकतंत्र सेनानी घोषित कर उन्हें सुविधाएं और बीस हज़ार रूपये प्रतिमाह ,आप और हमारी टेक्स की गाढ़ी कमाई में से दिए जा रहे है ,लोकतंत्र सेनानी ,,यानी देश में जो क़ानून ,जो लोकत्नत्र स्थापित है ,उसकी सुरक्षा के लिए संघर्ष करने को लेकर किसी भी हद तक की क़ुरबानी का जज़्बा रखने वाले शख्स को ,लोकतंत्र का सेनानी कहा गया है ,देश के सभी राज्यों में ,इस तरह के लोकतंत्र सेनानी पेंशन ले रहे है ,मात्र कुलदीप नय्यर ,,लालू यादव ,,फ़रीदुल्ला खान सहित एक दर्जन ऐसे लोकतंत्र सेनानी रहे ,जो ,वर्तमान हालातों में ,,,लोकतंत्र की रक्षा के लिए ईमानदारी से फिक्रमंद रहे ,लोकतंत्र सेनानी की आवाज़ कुलदीप नय्यर तो नहीं रहे ,लेकिन जो लोग है ,जो लोकतंत्र के वर्तमान हालातो का सही जायज़ा लेकर राष्ट्रभक्ति के जज़्बे से देश के हक़ में बोलना चाहते है वोह गिनती के ही होने से लोकतंत्र सेनानी का संगठन देश के वर्तमान हालातो पर कोई सेमिनार ,कोई डिबेट रखकर ,मीडिया के नफरत की भूमिका ,सरकार की तानाशाही ,बेरोज़गारी ,गरीबी ,उद्योगपतियों पर सरकारी महरबानियाँ ,,सड़को पर ग़ारतगिरि ,क़त्ल ऐ आम ,आतंकवाद ,,नफरत के माहौल के खिलाफ बोलने का साहस नहीं कर सके ,,अजीब सा लगता है ,आम हिंदुस्तानी से अलग ,एक विशेष जज़्बे के कारण ,एक योद्धा की संस्कृति के कारण इन लोगो को लोकतंत्र सेनानी का दर्जा दिया ,यह लोग कांग्रेस के खिलाफ खूब बोलते थे ,खूब लिखते थे ,ऐसा कहा जाता है ,खेर इनकी विचारधारा सिर्फ कांग्रेस को गाली बकने की ,भाजपा या गैर कोंग्रेसी संगठनों की चमचागिरी की ही नहीं थी ,,यह निष्पक्ष थे ,हिम्मत वाले थे इसी लिए ठोक बजा कर ,ऐसे सभी लोगो को राष्ट्र ,, राज्यों ने सम्मान दिया ,इन्हे लोकतंत्र सेनानी घोषित किया ,इनके घरु आवश्यक खर्च के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में ,,आम जनता के टेक्स की गाढ़ी कमाई से इनके लिए , सुविधाएं इनके लिए पेंशन योजनाए लागू की ,सच तो यह है के यह लोकत्नत्र सेनानी दलगत राजनीति से अलग हठ कर राष्ट्र और राष्ट्र के लिए समर्पित आम हिंदुस्तानी की फ़िक्र करते रहे है ,उनके लिए संघर्ष करते रहे है ,इसीलिए इन्हे नज़रबंद किया गया ,,इन्होने मुआफी नहीं मांगी ,हिम्मत से लड़े ,,देश में जनता की फ़िक्र करने वाली सरकार आयीं ,लेकिन अब जब यह घोषित लोकतंत्र सेनानी हो गए है ,तब वर्तमान सरकार के खिलाफ चाहे वोह राज्यों में हो ,चाहे वोह केंद्र में हो ,,यह लोकतंत्र सेनानी विजय माल्यां ,,नीरव मोदी पर चुप ,गैस से चाय बनाने ,,बेरोज़गारो को पकोड़े तलवाने पर चुप ,केजरी सरकार पर लोकतंत्र विरोधी हरकतों पर चुप ,,देश में प्रतिपक्ष का नेता नहीं बनाने पर चुप ,देश में भ्रष्टाचार रोकने के लिए लोकपाल क़ानून होने ,बार बार सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के बाद लोकपाल नियुक्त करने पर यह लोग चुप ,,चार जजों द्वारा न्याय व्यवस्था की बेबसी ,लाचारी दर्शाने पर भी यह लोकतंत्र सेनानी चुप ,,मोबलीचिंग ,निहत्थों की हत्या ,, दलितों पर अत्याचार पर यह चुप ,उतरपदेश के फेक एनकाउंटर मामले में यह चुप ,महिलाओं ,बेटियों के यौनशोषण ,बलात्कार ,अत्याचार पर यह सेनानी चुप ,,उत्तरतराखंड निर्वाचित सरकार गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाने ,गोवा में ,,,मिजोरम में ,मणिपुर में अल्पमत में होने पर भी दमनकारी निति के तहत सरकार बनाने पर यह चुप ,,ज़िलों के ,रास्तों के नाम बदलने पर यह चुप ,उत्तरप्रदेश में अस्पताल में बच्चो की मोत पर यह चुप ,,दिल्ली की दमनकारी नीतियों के मामले में यह चुप ,,रुपया गिर रहा है ,बेरोज़गार मर रहे है ,किसान आत्महत्या कर रहे है ,,,उद्योगपति तरक़्क़ी और बेरोज़गार गरीबी की तरफ जा रहे है ,,फौजियों की केंटीन तक में जी एस टी की सरकारी लूट के कारण उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही है ,,अख़बार ,,टी वी चैनल अपना कर्तव्य भुलाकर भोंपू बनकर नफरत सिर्फ नफरत की भाषा लोगो को सिखा रहे है ,क़लमकारो पर अत्याचार ,उनकी हत्याएं ,फ़र्ज़ी मुक़दमों में उनकी गिरफ्तारियां हो रही है ,अरबों रूपये की राफेल डील मामले में ,,खामोशी ,,कोंग्रेस के आरोपों का कोई जवाब नहीं ,,ऐसे में भी लोकतंत्र सेनानियों की चुप्पी ,,मुझे तो कम से कम रुला देती है ,इन लोकतंत्र सेनानियों की मेरे दिल में अलग अहमियत ,है ,में इनका दिल से सम्मान करता हूँ , वर्तमान हालातो में कोई राष्ट्र के पक्ष में ,गरीबों ,बेरोज़गारों के हक़ में खड़े होकर संघर्ष करने वाले साहसिक लोग है तो सिर्फ यही लोकतंत्र सेनानी मेरी निगाह में है ,इनके स्वभाव में राष्ट्रवाद ,संघर्ष है ,दलगत राजनीती से ऊपर उठकर देश के बारे में सोचने का जज़्बा है ,वरना अपने फायदों के लिए अन्ना हज़ारे ,,बाबा रामदेव जैसे तो कई लोग इस देश में पैदा हुए और चले गए जिनका कोई मान इस देश के ओरिजनल राष्ट्रभक्तों की निगाह में हरगिज़ हरगिज़ नहीं है ,मेरे लोकतंत्र सेनानियों ,अगर मेरी आवाज़ ,मेरे अलफ़ाज़ ,,मेरा यह दर्द आप तक पहुंच रहा है ,तो प्लीज़ हिन्दू मुस्लिम ,,कांग्रेस भाजपा ,छोड़े ,अपनी अंतर्रात्मा को टटोले क्या वर्तमान हालातो में उन्हें देश के सवा सो करोड़ लोगो के लिए एक बार फिर योद्धा बनकर जांबाज़ सेनानी बनकर ,,वर्तमान हालातों के खिलाफ ,वर्तमान बिंदुओं को लेकर ,,न्याय दिलवाने के लिए संघर्ष नहीं करना चाहिए ,अरे सरकार ने लोकतंत्र सेनानी का जो सम्मान दिया है ,जो पेंशन दी है वोह कोई सरकार या किसी पार्टी नेत्ता का अहसान नहीं ,,उनके अहसानों से आप मत दबिये ,यह आपका हक़ है ,,आपने जिन हालातों में संघर्ष किया ,,आपको उस संघर्ष का यह सम्मान है ,लेकिन प्लीज़ इस सम्मान की सुरक्षा करना अब आपके हाथों में है ,आज राष्ट्र आपको पुकार रहा है ,देश के सवा सो करोड लोग वर्तमान हालातों से मुक्ति पाने के लिए आपकी तरफ कातर भरी दृष्टि से इन्साफ के संघर्ष के लिए देख रहे है ,,क्या एक बार फिर आप लोकतंत्र सेनानी बनाकर ओरिजनल राष्ट्रभक्तों की आवाज़ बनेंगे ,,हमे इन्तिज़ार है ,आपकी अंतरात्मा के जवाब का ,आपके अगले क़दम के जवाब ,का ,,हमे और पुरे देशवासियों को इन्तिज़ार है ,इन्तिज़ार है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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