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10 अगस्त 2018

खुदा की राह में समर्पित सम्पत्ति के मुहाफ़िज़ बनोगे तो अल्लाह तुम्हारी नवाज़िश करेगा ,खुदा की राह में समर्पित सम्पत्ति की देखरेख में सियासत करोगे तो खुदा तुम्हे यही इसी ज़मीन पर बेदखल कर ,बेइज़्ज़त कर दिखायेगा

खुदा की राह में समर्पित सम्पत्ति के मुहाफ़िज़ बनोगे तो अल्लाह तुम्हारी नवाज़िश करेगा ,खुदा की राह में समर्पित सम्पत्ति की देखरेख में सियासत करोगे तो खुदा तुम्हे यही इसी ज़मीन पर बेदखल कर ,बेइज़्ज़त कर दिखायेगा ,,जी हाँ दोस्तों में खुदा की इंसाफ की बात कर रहा हूँ ,जहां वक़्फ़ सम्पत्तियों की देखरेख में ईमानदारी बरतने वालों को देर से ही सही लेकिन इनाम ,, इन्साफ मिलता है , लेकिन ऐसी सम्पत्तियों को सियासी मिजाज़ से देखने वालों को खुदा हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करता ,में टोंक जामामस्जिद देखरेख कमेटी ,टोंक वक़्फ़ जायदाद से जुड़े मामले ,और राजस्थान वक़्फ़ जायदाद मामलो के [प्रबंधन में उथलपुथल को लेकर खुदा के इन्साफ की बात कर रहा हूँ ,जहाँ ऐतिहासिक जामा मस्जिद टोंक की देखरेख कर रहे ,साहिबज़ादे मोहम्मद अहमद भय्यू सहित उनकी कमेटी को ग़ैरक़ानूनी तरीके से बेदखल कर ,,मुतव्वली बनाने के सरकारी आदेश को ,,जयपुर वक़्फ़ ट्रिब्यूनल की अदालत ने ख़ारिज कर दिया है ,,,दोस्तों सभी जानते है राजस्थान ही नहीं पुरे हिंदुस्तान में टोंक ऐसी सल्तनत है जहाँ ,वक़्फ़ सम्पत्ति की देखरेख को लेकर इन दिनों दो उदाहरण बने है , एक अपनी जान की बाज़ी लगाकर , टोंक वक़्फ़ संपत्ति को खूबसूरत बनाने ,,निखारने ,निहारने ,ऐतिहासिक विकास कार्य करवाने ,,करोडो के विकास कार्य ,लाखों की आमदनी बढ़ाने ,, जामा मस्जिद टोंक का ऐतिहासिक स्वरूप जीवित रखते हुए उसे सजाने ,संवारने ,परदे शुदा महिलाओं के लिए लेडीज़ कटला बनाकर ,केवल महिलाओं को व्यापारिक संबल देने ,,पांच सितारा होटल की तर्ज़ पर मुसाफिर खाना बनाने ,अपनी जान की बाज़ी लगाकर ,हड्डियां तुड़वाकर भी ,,टोंक वक़्फ़ सम्पत्ति को बचाने का इतिहास मोहम्मद आहमद भय्यू ,,नज़ीर हसन ,,उनकी टीम ने बनाया है ,वही दूसरी तरफ ऐसी शख्सियत को हटाने के लिए राजस्थान सरकार के वक़्फ़ द्वारा निर्वाचित वक़्फ़ बोर्ड के मंत्री दर्जा नियुक्त वक़्फ़ अध्यक्ष अबूबकर नक़वी को भी टोंक वक़्फ़ सम्पत्ति मामले में लोगो ने देखा है ,,लगातार इन काम करने वालों को राजस्थान सरकार द्वारा इनके वक़्फ़ समर्पित विकास कार्यों से दूर किया जाता रहा , लेकिन जिसके दिलों में खुदा का खौफ होता है ,, वोह खुदा के सिवा किसी से नहीं डरा करते ,और जिनके दिलों में खुदा का खौफ नहीं होता ,वोह खुदा के सिवा सभी से डरा करते ,है ,,खुदा के घर में देर है अंधेर नहीं ,, बस यही उदाहरण ,टोंक की वक़्फ़ सम्पत्ति की देखरेख में इंसाफ और न इंसाफ को लेकर हुआ ,,,वक़्फ़ सम्पत्तियों की देखरेख , जामा मस्जिद की कायाकल्प ,,आमदनी बढ़ाने की कामयाब कोशिशे ,,नयी सरकार में बैठे अध्यक्ष साहिब को रास नहीं आयी और मोहम्मद आहमद भय्यू की टीम को हटाकर वहां ग़ैरक़ानूनी तरीके से मुतव्वली नियुक्त कर दिया गया ,मामला जयपुर वक़्फ़ ट्रिब्यूनल में विचाराधीन था कल ,,अहले क़ुबूरों की फातिहा का दिन था ,,बस खुदा ने इसी दिन बरोज़ जुमेरात अदालत के ज़रिये मोहम्मद आहमद भय्यू को इंसाफ दिलाते हुए उन्हें हटाने के आदेश ,नए मुतव्वली को नियुक्त करने के आदेशों को ग़ैरक़ानूनी क़रार देकर खारिज कर दिया ,,नाइंसाफी के खिलाफ वक़्फ़ में यह पहली जीत नहीं है ,जीत का लगातार सिलसिला जारी है ,,वक़्फ़ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष ने टोंक में खूब मनमानी की ,,नज़ीर हसन ,, की तरफ से उनकी गेर क़ानूनी नियुक्ति को चेलेंज किया ,, खुदा का इन्साफ था ,के जिस पद पर सरकार ने प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड में अबूबकर नक़वी को बिठाया था ,खुदा ने उन्हें क़ानून की लाठी से बेदखल करवा दिया ,,उन सहित मूकदर्शक बने दूसरे सदस्यों को भी बेदखल किया गया ,,,साहिब अब साहिब नहीं ,रहे लेकिन जिन्हे इन साहिब ने हटाया था वोह फिर से साहिब बन गए ,,मामला सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन वहां भी कोई राहत नहीं मिली है ,,,वक़्फ़ सम्पत्तियों को लेकर इस मोहम्मद आहमद भय्यू ,,नज़ीर हसन की इस टीम ने पुरे राजस्थान की वक़्फ़ सम्पत्तियों को इंसाफ दिलाने के लिए हायकोर्ट के ज़रिये वक़्फ़ ट्रिब्यूनल तीन सदस्यों का गठन करने का आदेश प्राप्त कर ट्रिब्यूनल गठन पर सरकार को मजबूर किया ,जबकि अश्क अली टाक को राज्यसभा सदस्य कोटे में निर्वाचित होने पर भी उन्हें हटाने को लेकर हायकोर्ट से फिर इंसाफ़ाना आदेश हांसिल किया ,,,तो दोस्तों टोंक में अल्लाह की राह में समर्पित सम्पत्ति की देखरेख में जो लोग जान की बाज़ी लगा रहे थे , आज वोह जीते है , लेकिन जो लोग इस अल्लाह की राह में समर्पित सम्पत्ति के साथ सियासत कर रहे थे , आज उन्हे मिले तमगे ,तख़्त ओ ताज छीन लिए गए है ,,मोहम्मद आहमद भय्यू ,नज़ीर हसन ,,उनकी पूरी टीम को वक़्फ़ सम्पत्ति ,खुदा की राह में समर्पित सम्पत्ति ,शहर ऐ खमूशा ,,एहल ऐ क़ुबूरों की सम्पत्ति को बचाने के लिए जो जंग छेड़ी है ,लगातार जो इंसाफ़ाना कामयाबी हांसिल की है ,उसके लिए उन्हें बधाई ,,मुबारकबाद ,शायद ऐसे लोगो के लिए ही ,कहा गया है ,कोन कहता है आसमान में हो नहीं सकता सुराख ,, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो ,तो दोस्तों पुरे हिंदुस्तान में वक़्फ़ सम्पत्तियों की खुर्दबुर्द करने की निति के खिलाफ अपने अपने इलाक़ों में सभी ,एक जुट होकर ,,मज़बूती से ऐसी सम्पत्तियों को बचाने के लिए ,इन सम्पत्तियों पर सियासत करने ,, खुर्दबुर्द करने वालों के खिलाफ इंसाफ़ की मुहिंम चलाएं ,,इंशाअल्लाह नेकनीयती से संघर्ष करने पर इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा ,ज़रूर मिलेगा ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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