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30 मई 2018

रावण"जब;"रणभूमि" में,

रावण"जब;"रणभूमि" में, "मृत्युशय्या" पर,"अंतिम सांसे" ले रहा था, तब उसने,"श्री राम" से कहा :-----
🏆'राम :--- "मैं तुमसे हर बात में "श्रेष्ठ" हूँ।
🏆जाति, मेरी "ब्राह्मण"हैं, जो तुमसे, "श्रेष्ठ" है।
🏆आयु में भी, "तुमसे बड़ा" हूँ।
🏆मेरा, "कुटुम्ब" तुम्हारे, "कुटुम्ब"से, "बड़ा" है।
🏆मेरा, "वैभव" तुमसे, "अघिक" हैं।
🏆तुम्हारा महल, "स्वर्णजड़ित" है!! परन्तु; मेरी पूरी "लंका"ही, "स्वर्ण नगरी" है।!!
🏆मैं, "बल और पराक्रम" में भी, तुमसे, "श्रेष्ठ" हूँ।
🏆मेरा, "राज्य" तुम्हारे "राज्य" से "बड़ा" है।
🏆"ज्ञान और तपस्या" में , तुमसे "श्रेष्ठ" हूँ।
इतनी,"श्रेष्ठताओं" के होने पर भी, "रणभूमि" में,"मैं" तुमसे" परास्त" हो
जानते हो क्यों???
सिर्फ इसलिये कि, "तुम्हारा भाई" तुम्हारे "साथ" है, और "मेरा भाई" मेरे "खिलाफ"..............????
बिना भाई के साथ के जब "रावण" हार सकता है, तो हम, किस "घमंड" में है ..?
सदा "साथ" रहिये, सदा" विजयी" रहिये ......
सभी को, "कोशिश" करनी चाहिए, कि कभी,"परिवार टूटे नही"।
अंदरुनी एकता बनाये रखो ।
क्योकि :----'-
👌''किसी भी,"पेड़" के "कटने"का, "किस्सा" न होता,
अगर "कुल्हाड़ी" के पीछे, "लकड़ी" का "हिस्सा"न होता ।''

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