अजमेर के गौरव अब कोटा के गौरव होंगे ,,वोह कोटा कलेक्टर के रूप में सरकार
की काफी उम्मीदों के साथ कोटा में नियुक्त किये गये है ,,लेकिन उनके अपने
स्वभाव ,,उनके प्रशासनिक व्यवस्थाओ के चलते ,,कोटा का मिजाज़ ,,,कोटा के
हालात उनके लिए चुनौतीपूर्ण होंगे ,,गौरव अपनी पेनी निगाहें ,,कुशल प्रशासन
,,निष्पक्ष पारदर्शिता के कारण ऐसी चुनौतियों को स्वीकार कर कामयाबी से उन
चुनौतियों को पूरा भी करते है ,अजमेर में उन्होंने विकट परिस्थितियों में
अजमेर दरगाह के उर्स की व्यवस्थाएं संभाली तो उनके कार्यकाल में
महाराणाप्रताप ,पृथ्वीराज चौहान ,हल्दी घाटी के इतिहास को जीवंत दिखने
वाली ज़िंदा तस्वीरों के साथ ,अकबर महल में एक ऐतिहासिक संग्राहलय की शुरुआत
हुई जो राजस्थान के पर्यटन और वीरगाथाओं का अपना एक इतिहास है ,,गौरव गोयल
अजमेर कलेक्टर के रूप में राजनितिक समीकरण बिठाने ,,युवाओ की सोच में एक
विकसित सोच तैयार करने में कामयाब रहे है ,वर्तमान हालातों में कोटा में जब
कोचिंग छात्रों में निराशा का वातावरण है ,परीक्षाएं है ,तब यहां के युवाओ
को एक संदेश देने वाले कलेक्टर की ज़रूरत थी ,,ऐसे में युवाओ के हमदर्द
कोटा में सम्भवत इन युवाओ के लिए नई कार्ययोजना तैयार कर सकते है ,,तेज़
मेराथन के शौक़ीन कलेक्टर गौरव ,,युवाओ को देश का गौरव मानते है ,,उन्हें
युवाओ को राष्ट्रहित की सोच के साथ राष्ट्निर्माण में सहयोगी बनने के
प्रयासों की शिक्षा देना अच्छा लगता है ,,घर में वर्तमान हालातो में भी
गौरव इंटरनेट ,,टी वी दुनिया से दूर किताबे ,,खासकर धार्मिक किताबों को
पढ़कर अपनी जिज्ञासाएं शांत करते है ,दुसरो की मदद करना उनका स्वभाव है
उन्हें दुसरो की मदद में आंनद मिलता है अजमेर कलेक्टर के वक़्त एक बुज़ुर्ग
पीड़िता को जिस तरह से उपेक्षित कर बेदखल कर देने वाले पुत्रो से गौरव गोयल
ने इंसाफ दिलाया था उसकी प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर काफी वाहवाही हुई
थी ,मूल सीकर के राजस्थान आई ऐ एस के टॉपर कॉमर्स के स्नातक और स्नातकोत्तर
है ,उन्होंने मेट में 99 प्रतिशत हांसिल कर परीक्षा पास की वोह अमेरिका गए
उनकी जर्मनी बैंक में नौकरी भी लगी ,लेकिन माँ का हुक्म था ,,देश और
प्रदेश अपना है यही कुछ करो बस उन्होंने प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी और
पहली बार में ही राजस्थान के टॉपर के रूप में सेलेक्ट हो गए ,,उनकी
प्रशासनिक क्षमता ,,निष्पक्ष कार्यवाहियों से सभी सरकारें प्रभावित रही ,है
,वोह सियासत से जुड़े प्रतिनिधियों और आम जनता के जनहितकारी कार्यों को
बिना प्रभावित किये संतुलित करने का हुनर रखते है ,गौरव गोयल को 2008
पीली बंगा के दंगो के बाद विकट परिस्थितियों को काबू में करने के लिए एस डी
एम नियुक्त कर वहां भेजा गया ,जनता और सरकार की कसौटी पर वोह खरे उतरे
,,,गौरव बाड़मेर ,,जोधपुर कलेक्टर रहे वर्तमान में अजेमर कलेक्टर से कोटा
कलेक्टर के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे ,इसके पूर्व नरेगा में उन्होंने
प्रशंसनीय कार्य किये जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया
गया ,,गौरव युवाओ को स्किल योजनाओ से जोड़ने की कामयाब कोशिशों में भी जुटे
रहे है ,,,भरतपुर गोपालगढ़ में दंगे के माहौल के बाद ,,आधी रात को सरकार ने
उन्हें व्यवस्थाएं सुधारने के भरोसे के साथ भेजा था ,,उनके लिए बढ़ी चुनौती
थी ,लेकिन निष्पक्ष ,पारदर्शिता ,,सभी पक्षों की सुनवाई और न्यायिक
व्यवस्थाओ के चलते माहौल पर इन्होने काबू पाया ,,सभी पक्षों को इन्साफ की
उम्मीद जगी और व्यवस्थाएं अमन सुकून में बदल गयी ,,कोटा के वर्तमान हालात
चुनावी साल होने से आक्रामक है ,,यहां कोई भी मंत्री नहीं होने के बावजूद
सभी विधायकों ,,सांसद के तीखे तेवर है ,प्रतिपक्ष मज़बूत है ज़िम्मेदार है
,,क़ानून व्यवस्था अपने आप में चुनौती ,है ,किसानो के निराशजनक माहौल से
उन्हें निकालना है ,,कोचिंग छात्रों के निराशावाद विचारों को आशावादी
विचारो में बदलना इनके लिए चुनौती है ,,कोटा चिकित्सा व्यवस्था रोज़ मरीज़ों
को लीर रही है ,,इसे सुधारना है ,,शिक्षा व्यवस्था के नाम पर लूट खसोट
,कोचिंग संस्थाओ की मनमानी बिल्डर्स ,,प्रॉपर्टी डीलर्स की अराजकता यहां
मुसीबत बना हुआ है ,अधिकारी ,,कर्मचारियों में भी लेट लतीफी है
,,पुलिसकर्मियों के व्यवहार के खिलाफ जनता खडी है ,,वर्षा के पूर्व तेज़
अंधड़ की चुनौती है तो तेज़ अंधड़ से बिजली गुल होने के बाद जनता की नाराज़गी
एक बढ़ी चुनौती हो सकती है ,जबकि पुराने कोटा सहित कई जगह पर नालों को चौक
कर देने और उनकी सफाई नहीं होने से थोड़ी सी बरसात में बाढ़ जैसी स्थिति कुछ
बस्तियों के लिए एक बढ़ी चुनौती रहेगी ,,कोटा कलेक्टर के रूप में गौरव गोयल
कोटा का गौरव साबित होते ,,है ,,कोटा का गौरव बढ़ाने के लिए कोई नया
निष्पक्ष ,प्रशासनिक इतिहास ,जनसुनवाई और चौपाल जनसंवाई में त्वरित मामलो
के निस्तारण का इतिहास रचते ,है ,आम जनता की सुनवाई ,,आम जनता
,प्रतिनिधियों से मुद्दों की जानकारी लेकर गौरव कोटा के लिए कैसे गौरव बनते
है ,,वोह अभी अजमेर से कोटा पहुंचने के पहले उनके अपने लोगो से ,गूगल से
,,कोटा के इतिहास से कुछ इसी तरह के सवालों के जवाब खोजने में जुटे है
,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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