काश तुमने
प्यार के वोह लम्हे
बेमनी से नहीं
बेदिली से नहीं
प्यार से गुज़ारे होते
जुदाई के फैसले से पहले
तुम्हे हर लम्हा
वोह याद होगा ,,
काश तुमने
वोह लम्हे बेदिली से
वोह लम्हे
प्यार से गुज़ारे होते ,,अख्तर
प्यार के वोह लम्हे
बेमनी से नहीं
बेदिली से नहीं
प्यार से गुज़ारे होते
जुदाई के फैसले से पहले
तुम्हे हर लम्हा
वोह याद होगा ,,
काश तुमने
वोह लम्हे बेदिली से
वोह लम्हे
प्यार से गुज़ारे होते ,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)