राजस्थान के छोटे ,,मंझोले समाचार पत्रों ,,साप्ताहिक मासिक समाचार पत्रों
,,,,,कर्मचारी रिपोर्टर ,पत्रकारों का अब कोई धनी ढोरी नहीं बचा है ,,अपनी
,, जायज़ मांगो को लेकर ,,श्रमजीवी पत्रकार साथी कई दिनों से ठिठुरती ठंड
में आंदोलन कर रहे है ,,धरने पर बैठे है ,,कथित सरकार के जेबी संगठन
,,खामोश है तो सरकार ने इन पत्रकारों की कोई सुद्ध भी नहीं ली है
,,पत्रकारों के हितेषी रहकर ,,पत्रकारों के लिए कल्याणकारी यो कल्याणकारी
योजनाए लागु करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके हाल जानकर
,,जायज़ मांगो का समर्थन किया है ,,,,,,सभी जानते है वर्तमान भाजपा सरकार
में छोटे ,मंझोले अखबारों को विज्ञापन देने को लेकर ,,उनकी मान्यता और
,,विज्ञापन दरें निर्धारण को लेकर सरकार का अड़ियल रवय्या है ,,,जबकि
अधिस्वीकरण ,,रियायती दर पर पत्रकारों को भूखंड ,,आवास आवंटन मामलो में भी
सरकार चुप्पी साधे बैठी ,,है ,,पत्रकारों की मुफ्त इलाज की योजना पूर्व
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लागू की थी ,,लेकिन अब उनकी बीमा की राशि
पत्रकारों से ली जा रही है ,जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हज़ारो
पत्रकारों को पत्रकारिता कार्य के लिए मुफ्त लेबटॉप ,,,मुफ्त इलाज ,सुविधा
,पेंशन योजन ,,टोल फ्री ,,सर्किट हाउस डाकबंगला रियायती दर पर रुकने की
व्यवस्था ,,यात्रा कूपन के अलावा आरक्षित दर से भी आधी दर पर सभी ज़िलों में
प्लाट ,,आवास देकर पत्रकारों की कल्याणकारी व्यवस्था की थी ,वर्तमान सरकार
ने विज्ञापन से लेकर सभी सुविधाएं अस्त व्यस्त कर दी है ,,चमचे चापलूसों
की पो बारह है जबकि पत्रकार ठिठुरती ठंड में धरना प्रदर्शन कर रहे है उनकी
खबर किसी टी वी किसी अख़बार में भी नहीं है ,,,कुछेक पत्रकार ग्रुप में सोशल
मिडिया पर अलबत्ता दबे छुपे अल्फाज़ो में कुछ पत्रकार अपना दर्द बयांन कर
रहे है ,,लेकिन वर्तमान हालातो ,,वर्त्तमान पत्रकारों की उपेक्षा से साफ़
ज़ाहिर है सरकार की निति ,,छोटे ,,मंझोले ,,साप्ताहिक ,,मासिक ,,समाचार
पत्रों ,,,कर्मकार श्रमजीवी पत्रकारों के लिए गंभीर नहीं है और अड़ियल रुख
अपनाये हुए है ,,ऐसे में पत्रकार संगठनों की चुप्पी ऐसे संगठनों को कलंकित
करने वाली भी है ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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