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23 जुलाई 2017

कांग्रेस संगठन का शिकंजा ,,प्रदेश से लेकर ब्लॉक ,,बूथ तक पहुंचाने की कवायद

कांग्रेस संगठन का शिकंजा ,,प्रदेश से लेकर ब्लॉक ,,बूथ तक पहुंचाने की कवायद ,,संगठन के इस मक्क्ड़जाल को बुनकर ,,हर हाल में विधानसभा चुनाव जीत की कोशिशों में जुटे खुद राहुल गांधी ,,,जी हाँ राजस्थान में अलग अलग सर्वेक्षण ,,अलग अलग गूटबाज़ियाँ ,,भितरघात ,,ऍन वक़्त पर ,,कांग्रेस को धोखा देकर जाने वालो की सम्भावनाओ को देखते हुए ,,राहुल गांधी उनके समर्थको की ,,संगठन ,,मक्क्ड़जाल ,,मधु मक्खी के छत्ते की तरह ,रणनीति तैयार हुई है ,,हालांकि संगठन चुनाव के नाम पर कुछ लोग राहुल गाँधी के इस ख्वाब को पदों की बंदर बाँट करके चकनाचूर करने की कोशिशों में जुटे है ,लेकिन खुद राहुल गाँधी इस मामले में गंभीर है ,वोह पिछले दिनों ,,अल्पसंख्यक समाज के ज़िम्मेदारो के बीच में थे ,,फिर वरिष्ठ नेताओ से फीड बेक लिया ,अब उनके निर्देशन पर राजस्थान में उनकी निगाह में चुनिंदा बताये गए लोगो की बैठक या फिर कहो एक क्लास रखी गयी है ,,, संगठन को मज़बूती देकर कार्यकर्ताओ में उत्साहवर्धन पैदा करना उनका प्रमुख लक्ष्य है ,,संगठन के कुछ मठाधीश इस व्यवस्था से अलबत्ता खफा हो सकते है ,,लेकिन अब संगठन और खुद राहुल गाँधी के विश्वासपात्र लोगो के ज़रिये उनके सी सी टी वी कैमरे में हर गतिविधि क़ैद होगी ,,राजस्थान प्रदेश संगठन में जिला अध्यक्ष ,,ब्लॉक अध्यक्ष ,,अग्रिम संगठन तो है ही ,लेकिन प्रदेश से हर ज़िले के प्रभारी ,,आल इण्डिया कांग्रेस के प्रदेश और ज़िले प्रभारी बनाये गए है ,,जबकि संयोजक अलग से तय हो चुके है ,,अब राहुल गांधी की मंशा के मुताबिक़ विधानसभा वार संयोजक नियुक्त किये गए है ,,,वर्तमान में कांग्रेस संगठन में जिला स्तर पर ,,ब्लॉक स्तर पर ,विधानसभा स्तर पर ,,प्रदेश और आल इण्डिया कांग्रेस कमेटी की रेंडम यानि क्रॉस चेकिंग का सिस्टम बनाया जा रहा है ,,वोह बात अलग है के इस सिस्टम में अधिकतम फुके हुए कारतूस ,,हारे हुए खिलाडी ,,कांग्रेस मिस मैनेजमेंट के सुपर दोषी ,,,गुटबाज़ी से कांग्रेस को तबाह करने वाले और दल बदल करने वालों को भी तरजीह दी गयी है ,,इस तरह के चयन से समर्पित कार्यकर्ताओ में उत्साह कम हुआ है और निराशा भी उन्हें हुई है ,लेकिन ऐसे कार्यकर्ता जो संगठन के लिए उपयोगी है ,उन्हें चिन्हित करके शीघ्र ही महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारिया दी जाएंगी ,,इसलिए कार्यकर्ता निराश होने की जगह एक जुट होकर ज़िम्मेदारी से राहुल गाँधी का राजस्थान की दो सो विधानसभा में ,,,टारगेट टू हंड्रेड ,के फार्मूले का हिस्सा बनकर इसे कामयाब बनाये ,,,संगठन चुनाव में अगर कांग्रेस को गुटबाज़ी ,,बंदरबांट ,,चमचावाद ,,चापलूसी से मुक्ति दी जाकर ,,बैलेट से चुनाव करवा कर आज़ाद लोगो का निर्वाचन कर देते है तो राहुल गाँधी का इलेक्शन फार्मूला कामयाब होगा वरना सेलेक्शन फार्मूले में तो वही भाईसाहबों के इशारे पर चलने वाले लोग होंगे ,,ऐसे लोगो के लिए संगठन ,,कार्यकर्ता ,,पार्टी की हार जीत वफादारी ,,संगठन वैधानिक बाध्यताएं ,,,प्रदेश और राष्ट्रिय शीर्ष नेतृत्व के आदेश निर्देश के मुक़ाबिल सिर्फ भाईसाहबो के ही इशारे नज़ारे प्रमुख अहमियत वाले होंगे ,और अगर ऐसा हुआ तो राहुल गाँधी और उनकी समर्थक टीम ने सचिन पायलेट के नेतृत्व में राजस्थान में कांग्रेस की मज़बुती का जो ताना बाना बुनकर कार्ययोजना तैयार की है वोह सब काता कूता कपास हो जाएगा ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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