बसन्ती
की मौसी.मौसी के घर अमित शाह वोट मांगने गए तो।.मौसी - देखो बेटा पढ़ी लिखी
सियानी हूँ, कोई स्मृति ईरानी तो हूँ नही। हां.. इतना तो पूछना ही पड़ेगा
कि तुम्हारे नेता ने किया क्या है?अमित - करने का क्या है मौसी जी, एक बार
फिर से PM बनेगा, देश की जिम्मेदारी सिर
पे पड़ेगी तो कुछ करने भी लग जायेगा.मौसी - हाय दय्या! फिर मतलब ? पहले 5
साल में कुछु भी नहीं किया ?.अमित - अरे अरे मौसी आप तो हमारे मोदी को गलत
समझ रही है। 5 साल होते ही कितने है, गौ हत्या, जेनयू, भारत माता, जाट-पटेल
और दंगे-पंगे, अडानी अम्बानी की लूट में पता ही कहाँ चले।.मौसी - हाय!
इतना कुछ हुआ और वो कुछु बोला भी नहीं ?अमित - अब बोलने का क्या हैं मौसी!
मन की बात तो बहुत बोली। मगर -संघ के खिलाफ भला कैसे बोलते।.मौसी - ओ हो
हो! तो क्या संघी है?अमित - अरे अरे मौसी ,, वो और संघी,, न न ना. अब लड़कपन
में किसे क्या पता होता है ,, क्या अच्छा क्या बुरा। किसी ने बहला फुसला
के शाखा में भर्ती करा दिया, तो कर लिया बेचारे ने ... एक बार फिर से PM बन
जाये तो संघ तो बस यूँ छूट जाएगा यूँ.मौसी - मुझ बुढ़िया को समझा रहे हो
बेटा संघ-वंघ की लत किसी की छूटी है जो छूटेगीअमित - अरे मौसी PM बनते ही
दे दनादन विदेशों के दौरे शुरू हो जाएंगे. संघ तो भारत में ही छूट जाएगा
न.मौसी - बस यही एक कमी रह गयी थीअमित - मौसी जी, विदेश तो बड़े-बड़े खानदान
के पढ़े-लिखे लोग ही जाते है.मौसी -: एक बात तो माननी पड़ेगी लाख कमी हो
तुम्हारे नेता में मगर तुम्हारे मुँह से तारीफ़ ही निकले हैंअमित - अब क्या
बताये मौसी हम भक्तो का तो दिमाग ही ऐसा है.मौसी - जाते जाते ये ही बताते
जाओ बेटा तुम्हारा नेता पढा-लिखा कितना है?अमित - बस यूं समझिये मौसी जी,
जैसे ही सही खबर मिलेगी, सबसे पहले आपको ही बतायेगे - तो मौसी जीआपका वोट
पक्का समझूं ?कन्हैया जांगीड़
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