पत्रकारिता की बेशर्मी देखिये ,,बिना सोचे समझे ,,बिना तहक़ीक़ात के
,,अफवाहों के आधार पर ,,चार साल पहले मृतक ,,सऊदी शहज़ादे के लिए ,,उनकी नो
पत्नियों ,,उन्हें जुए में हारने की खबर छाप दी ,,,एक कोटा के वरिष्ठ
पत्रकार मेरे भाईसाहब ने तो मुल्लाओ से कई सवाल भी खड़े कर दिए ,,कई उपदेश
भी दे दिए ,,में माफ़ी चाहता हूँ लेकिन कौरवों के पापो की मनोदशा में रहकर
ऐसी ऊलजलूल खबरों के प्रकाशन से न देश ,,न समाज का कोई भला होता है ,सोचा
होगा ,,सऊदी की खबर है ,,यहां के लोग चटखारे लेकर पढ़ेंगे ,एक विवाद होगा
,,,खबर चर्चित रहेगी तो ,,छी न्यूज़ की तरह ,,थू थू न्यूज़ बन जाओ ,,,इस पर
भी वहाबी ,,देवबंदी ,,सुन्नी ,,तब्लीगी ,,फलां ,,फलां ,,कांग्रेस भाजपा
,,वगेरा वगेरा बांटने वाले ठेकेदारों की राय की ज़रुरत है ,,,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)