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13 जून 2017

जब ऐसा होता है तो ,उनसे अराजकता का माहौल पैदा होता है

कहते है चीटियौं के पर निकल आते है ,लेकिन जब ऐसा होता है तो ,उनसे अराजकता का माहौल पैदा होता है ,,एक दिनेश शर्मा साहिब है ,,वोह अली भाई बनकर ,, फेसबुक पर दे धनाधन ,, देवी देवताओं को अपमानित करने वाली तस्वीरें प्रसारित कर माहौल बिगाड़ रहे थे ,पकड़े गए ,,एक अखबार साहिब है ,,फ़र्ज़ी खबर प्रकाशित करते रहे ,,पता चला सऊदी के जिस शहज़ादे की खबर है ,,वोह तो सोलाह साल पहले ही मर चुके है ,,ऐसे कई दिमागिन है ,,जो नए नए अफवाह फिदायीन बने है ,,फ़र्ज़ी इतिहासकार ,,फ़र्ज़ी राष्ट्रवादी भी ,,है अगर वोह आर एस एस के है तो उन्हें आर एस एस का एजेंडा संविधान भी याद नहीं है ,,वोह छद्म राष्ट्रवाद के नाम झूंठ और नफरत फैलाकर ,,आर एस एस का चेहरा बदनाम कर रहे ,है ,वोह राजस्थान के घनश्याम तिवाड़ी ,,देश के प्रमुख नीतिकार चिंतक गोविंदाचार्य पर हमले कर रहे है ,,फ़र्ज़ी आर एस एस और ओरिजनल राष्ट्रवादी आर एस एस के बीच जंग ,,है फ़र्ज़ी आर एस एस किसी भी सूरत में सत्ता का सुख नहीं छोड़ना चाहती ,,चाहे उन्हें कश्मीर में पंडितो की लाशो पर हंसने वाले कश्मीरी दल महबूबा मुफ़्ती से याराना ही क्यों न करना पढ़े ,,कुछ लोग है ,,जिन्हे पता नहीं शाहनवाज़ भाई ,मुख्तार अब्बास नक़वी न जाने कितने लोग उनकी पार्टी में उनके जीजा जी है और वोह लवजेहाद की रट लगाने लगते है ,,कुछ लोगो को पता ही नहीं के मांस के सबसे बढे व्यापारी कौन है ,,हिन्दुस्तान में मांस के कारोबारी अधिकतम कौन है ,, इनकी पार्टी के पदाधिकारी ,,मंत्री ,,,मुख्यमंत्री तक बीफ खाते है और यह जनाब दुरंगा किरदार निभाते है ,राष्ट्रपिता गांधी की हत्या करने वाले लोगो के समर्थक है ,,लेकिन पार्टी के संविधान में गाँधी की विचारधारा और नितीयों पर चलने की शपथ लेकर पार्टी सदस्य ,,पार्टी पदाधिकारी बनते नज़र आते है ,,ऐसे दुरंगे लोग ,,ऐसे दोहरे लोग ,,जिन्होंने राष्ट्रवाद की बात करने वाले संगठन आर एस एस को भी सुविधाभोगी ,,राजशाही का दरबारी ,,,अलगाववादियों ,,आतंकवादियों की समर्थक लोगो के साथ सरकार बनाने पर ज़ोर दिया है ,,दुश्मन देशों में जाकर मिठाइयां ,,साड़ियां गिफ्ट दिलवाई है ,,ईमानदार ,,कर्तव्यनिष्ठ नरेदंर मोदी को ,,ओरिजनल विकास कार्यों के काम ,,सो कोल्ड नफरत फैला कर करने नहीं दे रहे है ,,बस नादान के हाथ में उस्तरा है ,,चलाये जा रहे ,,चलाये जा रहे है ,,ऊलजलूल ,,बेसिरपैर की कहानियां ,,लिखे जा रहे है ,,इतिहासकार भी हो गए है ,,खुद ही अपनी पीठ थपथपा रहे है ,,मीडिया पर अपने तरीके से चिल्ला रहे है ,,,सच न तो बोलना है ,,न सच देखना है ,,न सच लिखना ,,है शतुरमुर्ग बनकर वर्तमान हालातो से मुंह चुरा कर ,,झुंठ फरेब ,,की फ़र्ज़ी कहानिया ,,तुमने भी यह क्या था ,,तुमने भी वोह क्या था ,,बाज़ारू ओरतो के झगड़े की तरह ,,वर्तमान हालातो की जगह,,फ़ालतू बाते कर मुंह चुरा रहे ,है ,,खेर सरकार तुम्हारी ,,शासन तुम्हारा ,,लोग तुम्हारे जो चाहो लिखो ,,जैसे चाहो सरकार चलाओ ,,सुदामा के दोस्त बनाने की इस देश की संस्कृति में सिर्फ और सिर्फ उद्योगपतियों को दोस्त बनाओ ,,जो देश हमारे लिए कांटे बो रहा है ,,उस देश के साथ क्रिकेट खेलो ,,उस देश के कलाकारों के साथ मिलकर फिल्मे बनाओ ,,,उस देश में अपने खास उद्योगपती दोस्तों से वहां तरक़्क़ी करवाने के लिए उद्योग में निवेश करवाओ ,,,,इधर हमारा हिंदुस्तानी पाकिस्तान में फांसी की सजा के बाद इंसाफ के इन्तिज़ार में है और उधर तुम भारत में पाकिस्तानी क़ैदियों को छोड़ने की तैयारी करते रहो ,,,,,स्टेशन बेचो ,,हवाईजहाज़ में मारपीट करो ,,,जो चाहो ,करो ,गोलियां चलवाओ ,,,हड़ताल करवाओ ,,तुष्टिकरण की निति जिस रोज़े इफ्तार को तुम बताते रहे हो वही रोज़ा इफ्तार तुम कॉलेजों में ,,विश्वविद्यालयों में अपने कार्यालयों में करवाओ ,,,मुस्लिमों से नफरत करो और अल्पसंख्यक मोर्चा आपकी पार्टी में बनाओ ,,,जो चाहो करो ,,देश तो देश है ,,अभी तुम्हारी बारी है ,,तुम्हारे अच्छे दिन है ,,देश के अच्छे दिन आये या न आये ,,तुम्हे हर किसी को गद्दार कहने का हक़ तो मिल ही गया ,,सड़क राह चलते को मारने पीटने का तुम्हे लाइसेसं मिल गया ,,अमर्यादित भाषा लिखने ,,बोलने का तुम्हे हक़ मिल गया ,,तुम्हारे अच्छे दिन आ गए ,,,तुम्हारे अच्छे दिन आ गए ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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