आपका-अख्तर खान

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07 जून 2017

,मेरे मददगारों ,मेरे लिए दुआएं करने वालों

मेरे बुज़ुर्गो ,,मेरे दोस्तों ,,मेरे भाइयों ,,मेरी बहनो ,,मेरी सहेलियों ,,मेरी माताओं ,,मेरी आंटियों ,,मेरे अंकलों ,,मुझ से प्यार करने वालों ,,मेरे मददगारों ,मेरे लिए दुआएं करने वालों ,,मेरे लिए खुशियां तलाशने वालो ,,,मुझे कामयाब देखने वालों ,,, मेरा सहयोग करने वालों ,,,मुझ से नफरत करने वालों ,,मुझ से ईर्ष्या करने वालों ,,मेरी पोस्टों पर ,,,गुस्सा दिलाने वाली टिप्पणियां करने वाले मेरे भाइयों ,,आप सब मेरे अपने हो ,,आप के इस बेहिसाब प्यार से में अभिभूत हूँ ,,खुश हूँ ,,,मेरे अधेड़ के बाद के इस पड़ाव के जन्म दिन पर ,,मुझे आपकी दुआए मिली ,है ,मिलेंगी ,,मिलती रहेंगी ,,लेकिन जब जन्म होता है ,,तो कड़वा सच यह है के उसे मोत का मज़ा भी चखना होता ,है ,तो दोस्तों ज़िंदगी तो खुशियों के साथ है ,,वैचारिक मतभेद ,,सियासी मतभेद के चलते ,,मेने कई लोगो को हंसाया भी है ,,तो मेरे भक्तजन मित्रों का दिल भी मेरे अल्फ़ाज़ों ने दुखाया है ,,उन्हें गुस्सा भी दिलाकर आपे से तेर क्या है ,,में सही हूँ ,,या गलत यह तो मेरे इन भाइयों को दिल पर हाथ रखकर सोचने से पता लग जाएगा ,,लेकिन न जाने कब ,,किस गली में मेरी ज़िंदगी की शाम हो जाए ,,कब मोत मुझे अपने आगोश में ले ले ,,बस इसीलिए में आप सभी भाइयों से माफ़ी माँगना चाहता हूँ ,,उम्मीद है मेरे भक्तजन भाई गुसा थूकेंगे ,,मुझे माफ़ करेंगे ,,,मेरे नज़रिये से एक बार सिर्फ्र एक बार हालात और देश को देखेंगे ,,,मेरे साथ आकर चाय पिएंगे ,,या मुझे चाय पर बुलाएंगे ,,,बस सभी साथियों से माफ़ी की दरख्वास्त है ,,,मेरे इस खुशनुमा दिन पर सभी के साथ में खुश रहना चाहता हूँ ,,क्योंकि ,,जीना है तब तक खुश रह लो ,, वरना यहां कोन अपना ,,कोन पराया है ,,,न जाने कब किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए ,,और में आप से क्षमा प्रार्थी भी न हो सकूं ,,मुझे माफ़ कर दीजिये ,,,मुझे माफ़ कर दीजिये ,,,अख्तर

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