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22 मई 2017

,मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ,,भी दूसरे मज़हबी संगठनों की तरह स्वम्भू बन गया है

अब यह ,,,मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ,,भी दूसरे मज़हबी संगठनों की तरह स्वम्भू बन गया है ,,कोई चुनाव हुए नहीं ,,किसी ने इन्हे चुना नहीं ,और देश के सभी मुसलमानो के यह ठेकेदार बन गए ,,वोह भी चमचागिरी के लिए क़ुरआन मजीद के संदेश के खिलाफ ,,,ठेकेदारी करने लगे ,,मुस्लिम पर्सनल लॉ ,,पहले तो अंग्रेजी नाम ,उर्दू से इसका कोई दूर दूर तक का भी ताल्लुक़ नहीं ,,अरबी से इसका कोई ताल्लुक़ नहीं स्वदेशी भाषा हिंदी से इसका कोई ताल्लुक़ नहीं ,फिर क़ुरान शरीफ जिससे मुस्लिमो का क़ानून निकला ,,है ,,उसे तर्जुमे से पढ़ाने के लिए आज तक ,,कोई पहल इस कथित बोर्ड ने नहीं ,,कोई चुनाव हुए नहीं ,,कश्मीर से कन्याकुमारी ,,कच्छ से बांग्लादेश तक मुसलमानो की क्या समस्याएं है इन्होने कभी जानना नहीं चाहीं ,,स्वम्भू खुद बन गए ,,और कथित रूप से सरकार ने भी इन्हे देश भर के मुसलमानो का ठेकेदार मान लिया ,,काश इस कथित बोर्ड में पढ़े लिखे लोग होते ,,अगर पढ़े लिखे लोग है तो समझदार होते ,,समझदार होते तो क़ुरआन शरीफ के जानकार होते ,,,सभी के जानकार होने के साथ साथ जज़्बात के जानकार होते ,,आज इनकी बेवकूफी देखिये ,,सुप्रीम कोर्ट में पुरे देश के मुसलमानो की खुशियां खोर करने का शपथ पत्र दिया है ,,खुशियों की शुरुआत मनहूसियत से शुरू करने का ऐलान क्या है ,,किसी क़ुरान शरीफ की आयत ,,या फिर हदीस में नहीं लिखा के ,,खुशनुमा निकाह के माहौल में ,जब शोहर अपनी बीवी के साथ निकाह क़ुबूल कहकर ,,खुशियां मनाना चाहता है ,,तब एक मनहूस बेहूदा अलफ़ाज़ ,,ऐसी खुशियों के मौके पर ,,लिखित में समझाया जाएगा के ,,निकाह तो दे रहे हो तलाक़ एक ही देना ,,अजीब बेवकूफी है ,,लानत है इन लोगो पर ,,जो क़ुरआन के खिलाफ ,,पुरे देश के मुसलमानो का अपमान कर रहे है ,,खुशियों की शुरआत में ही दूल्हा के दिमाग में तलाक़ शब्द का प्रचार कर रहे है ,,,में निजी तोर पर ऐसे बेवक़ूफ़ लोगो पर लानत भेजता हूँ ,,अरे पढ़ाना है तो क़ुरआन शरीफ की सुर ऐ अंनिसा ,,सुर ऐ बक़र ,,सुर ऐ तलाक़ ,,सहित सभी आयते तर्जुमे से पढ़ाते ,,ताकि देश में खुशहाली आती ,,मुसलमान बुराइयों से दूर होता ,,इंसानियत की तरफ रुहजांन होता ,,लेकिन खुशियों के बंधन के वक़्त ,,तलाक़ के बेहूदा रिश्ते तोड़ने के अलफ़ाज़ के साथ शुरआत बेशर्मी और बेहूदगी है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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